सिर्फ एक दिन पहले संजू सैमसन ने नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी करते हुए 22 गेंदों में केवल 13 रन बनाए थे, जिससे सबको थोड़ी निराशा हुई थी। लेकिन उन्होंने बहुत ही जल्दी और शानदार अंदाज़ में वापसी की। अगली ही पारी में उन्होंने ओपनिंग करते हुए सिर्फ 51 गेंदों में 121 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली। इस पारी की बदौलत उनकी टीम कोच्चि ब्लू टाइगर्स ने 237 रनों का बड़ा लक्ष्य भी आसानी से हासिल कर लिया।
इस शानदार शतक की खास बात यह थी कि जब संजू ने अपना शतक पूरा किया, तो उनके साथ क्रीज़ पर उनके बड़े भाई सलय सैमसन मौजूद थे, जो इस टीम के कप्तान भी हैं। दोनों भाइयों ने मैदान पर गले लगकर इस पल को खास बना दिया। सलय अपने छोटे भाई की इस पारी को देखकर बहुत खुश नज़र आए। बता दें कि सलय सैमसन संजू से करीब चार साल बड़े हैं।
संजू की यह पारी उनके फॉर्म को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब भी थी। एशिया कप 2025 से पहले संजू की बल्लेबाज़ी को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही थीं। लेकिन इस 51 गेंदों की पारी में उन्होंने 14 चौके और 7 छक्के लगाकर यह दिखा दिया कि वह अभी भी पूरी फॉर्म में हैं और भारत की टी20 टीम में ओपनिंग के लिए एक मज़बूत दावेदार हैं।
पिछले कुछ महीनों में संजू ने भारत के लिए टी20 क्रिकेट में ओपनिंग करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया है। साल 2024 में उन्होंने तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाए थे, जो किसी भी भारतीय खिलाड़ी द्वारा एक कैलेंडर साल में सबसे ज़्यादा हैं।
हालांकि, एशिया कप में शुभमन गिल की वापसी और उपकप्तान बनाए जाने के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या संजू सैमसन को प्लेइंग इलेवन में जगह मिलेगी या नहीं। दूसरी ओर, विकेटकीपर-बल्लेबाज़ जितेश शर्मा भी शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिससे टीम चयन और भी मुश्किल हो गया है।
संजू सैमसन का नाम इन दिनों उनकी आईपीएल टीम को लेकर भी चर्चा में है। खबरें हैं कि उन्होंने अपनी टीम राजस्थान रॉयल्स से कहा है कि या तो उन्हें किसी और टीम के साथ ट्रेड कर दिया जाए या फिर अगले ऑक्शन में शामिल होने की अनुमति दी जाए। माना जा रहा है कि कोलकाता नाइट राइडर्स और चेन्नई सुपर किंग्स जैसी बड़ी टीमें उन्हें अपनी टीम में शामिल करना चाहती हैं।
जहाँ तक केरल क्रिकेट लीग की बात है, तो कोच्चि ब्लू टाइगर्स ने इस मुकाबले में पहले गेंदबाज़ी की थी। सामने वाली टीम ने 237 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया था। लेकिन संजू की शतकीय पारी और बाकी बल्लेबाज़ों के सहयोग से कोच्चि ने यह लक्ष्य हासिल कर लिया। आखिरी ओवर में मैच थोड़ा रोमांचक हो गया था, लेकिन टीम ने अंत में जीत दर्ज कर ली।
जब संजू मैदान पर उतरे तो उन्होंने शुरू से ही आक्रामक अंदाज़ अपनाया। उन्होंने हर गेंद को अच्छे से पढ़ा और मौके का पूरा फायदा उठाया। उनकी टाइमिंग और शॉट सिलेक्शन बहुत ही शानदार था। दर्शक उनकी बल्लेबाज़ी को देखकर बहुत उत्साहित थे और हर चौके-छक्के पर तालियों की गूंज सुनाई दे रही थी।
यह पारी सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि एक मजबूत संदेश भी था। संजू सैमसन ने यह दिखा दिया कि वह अभी भी भारतीय टीम में अपनी जगह बनाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनका आत्मविश्वास, अनुभव और आक्रामकता यह साबित करता है कि उन्हें हल्के में लेना गलत होगा।
संजू ने मैदान पर ना सिर्फ रन बनाए, बल्कि अपने शांत स्वभाव और मेहनत से यह दिखाया कि एक खिलाड़ी असफलता के बाद भी कैसे वापसी कर सकता है। उनके शतक के बाद सोशल मीडिया पर भी फैंस की तारीफों की बाढ़ आ गई।
अगले कुछ हफ्तों में एशिया कप शुरू होने वाला है और अगर संजू इसी फॉर्म में रहते हैं, तो भारतीय टीम के लिए वह एक अहम खिलाड़ी साबित हो सकते हैं। टीम मैनेजमेंट को भी अब यह सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा कि उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका दिया जाए या नहीं।
संजू सैमसन की यह पारी सिर्फ एक खेल नहीं थी, बल्कि एक भरोसे की वापसी थी। उन्होंने दिखा दिया कि वह जब लय में होते हैं, तो किसी भी गेंदबाज़ी आक्रमण को तहस-नहस कर सकते हैं।