क्रिकेट के भगवान Sachin Tendulkar हो गए हैं आईसीसी के इस नियम से दुखी, वकार यूनुस का भी मिला साथ

By Desk Team

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क्रिकेट के खेल दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है और इस बात में तो कोई दोहराए नहीं है कि भारत जैसे विशाल देश में इस खेल और क्रिकेट के भगवान Sachin Tendulkar के प्रति लोगों की दीवानगी देखने लायक है। लेकिन आजकल क्रिकेट में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं।

यह बात तो हम सभी जानते हैं कि क्रिकेट में पहले की समय में रन बनाना बिल्कुल भी आसान नहीं होता था और आज के समय में तो रन बारिश की तरह बनते हैं। गेंदबाजों की बात करें तो उनके लिए पहले के समय से मैच बिल्कुल आसान नहीं रह गया है।

5 मैचों की सीरीज चल रही है इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच वनडे के 5 मैचों की सीरीज चल रही है और उस सीरीज में कई नए रिकाडर्स बने हैं और कई पुराने रिकॉडर्स टूटे भी हैं। क्रिकेट इतिहास में पहली बार इस सीरीज के तीसरे मैच में इंग्लैंड की टीम ने 481 रन बना डाले हैं। इसके साथ ही इंग्लैंड के नाम वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया है।

तो वहीं इस सीरीज के चौथे वनडे की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 311 रन का लक्ष्य दिया था जिसे इंग्लैंड ने बहुत ही आसानी से 45वें ओवर में हासिल कर लिया था। इन सीरीज में इंग्लैंड के खिलाडिय़ों के शानदार प्रदर्शन की बहुत प्रशंसा हो रही है।

इंग्लैंड के इस अच्छे प्रदर्शन से खुश नहीं है Sachin Tendulkar

हर जगह ही इंग्लैंड के खिलाडिय़ों की बहुत प्रशंसा हो रही है लेकिन क्रिकेट के भगवान Sachin Tendulkar को यह बात बिल्कुल अच्छी नहीं लग रही है। इस तरह वनडे में इतने रनों की बारिश से बहुत दुखी हैं सचिन तेंदुलकर। उन्होंने अपना दुख ट्विटर पर जताया है।

Sachin Tendulkar ने ट्विटर पर जताया दुख

तेंदुलकर ने ट्विटर पर लिखा, ‘वनडे में दो नई गेंदों का इस्तेमाल नाकामी को न्यौता देने जैसा है। गेंद को उतना समय ही नहीं मिलता कि रिवर्स स्विंग मिल सके। उन्होंने आगे लिखा कि हमने डैथ ओवरों में लंबे समय से रिवर्स स्विंग नहीं देखी।

Sachin Tendulkar की इस बात का वकार युनूस ने भी किया समर्थन

पाकिस्तान के दिग्गज गेंदबाज वकार युनूस ने भी Sachin Tendulkar की इस बात का समर्थन किया है। वकार युनूस ने समर्थन करते हुए कहा है कि ही वजह है कि अब आक्रामक तेज गेंदबाज नहीं निकलते। सभी रक्षात्मक खेलते हैं।

सचिन से पूरी तरह सहमत हूं। रिवर्स स्विंग लुप्त ही हो गई है। गौरतलब हो कि आईसीसी ने अक्टूबर 2011 में वनडे में दो नई गेंदों का प्रयोग शुरू किया था।

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