रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के सीनियर अधिकारी निखिल सोसले, जो टीम के पहले IPL खिताब जश्न के दौरान 4 जून को हुए स्टाम्पीड मामले में गिरफ्तार थे, को कर्नाटक हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सोसले और DNA नेटवर्क्स के दो अन्य अधिकारियों को कुछ शर्तों के साथ जमानत मिली है, जिसमें सबसे अहम उनकी पासपोर्ट जमा कराना शामिल है। इसके साथ ही बताया गया है कि RCB के मैनेजमेंट टीम के सभी अधिकारी, जिनमें सोसले भी शामिल हैं, पर अपनी पैरेंट कंपनी Diageo की तरफ से भी आंतरिक जांच हो सकती है।यह घटना तब हुई जब बैंगलोर के M चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हजारों प्रशंसक अपनी पसंदीदा टीम के खिलाड़ियों को देखने के लिए इकट्ठा हुए थे। करीब 3 लाख की भारी भीड़ ने स्टेडियम के बाहर जश्न मनाने के दौरान भगदड़ मचा दी, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और कई घायल हुए।
कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में कर्नाटक क्रिकेट बोर्ड एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी, RCB समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस घटना के बाद पिछले शनिवार को कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के दो बड़े अधिकारी, सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ई. एस. जैराम ने “नैतिक जिम्मेदारी” का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। KSCA के अध्यक्ष रघुराम भट ने इस बात की पुष्टि की और बताया कि आपातकालीन बैठक में इन इस्तीफों को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन जांच में पूरा सहयोग करेगा।रघुराम भट ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “जांच के दौरान हमने सरकार और हाई कोर्ट को साफ कह दिया है कि हम किसी भी जिम्मेदारी से भागेंगे नहीं। हम पूरी तरह जांच में सहयोग करेंगे।”बेंगलुरु पुलिस ने भी पिछले गुरुवार को इस मामले में पहली सूचना रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस ने बताया कि RCB को स्टेडियम में इस तरह का आयोजन करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
यह मामला IPL इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक बन गया है, और अब जमानत मिलने के बाद निखिल सोसले और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर भी गहरी नजर रखी जा रही है। आगामी जांचों से साफ होगा कि इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार था और कैसे ऐसी भीड़ नियंत्रण में असफलता हुई।