Ravi Ashwin ने बताया क्यों वह अभी चयन समिति का अध्यक्ष नहीं बनना चाहते

By Nishant Poonia

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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिन ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट के मौजूदा हालात पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि इस समय चयनकर्ता होना बेहद मुश्किल काम है क्योंकि बहुत से खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन टीम में जगह सीमित है। अश्विन ने मौजूदा चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर के प्रति सहानुभूति व्यक्त की और बताया कि ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए टीम चयन को लेकर जो आलोचनाएं हो रही हैं, वह स्वाभाविक हैं।

चयनकर्ताओं के लिए मुश्किल समय

अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि वह खुद इस समय चयनकर्ता या टीम मैनेजर बनने का जोखिम नहीं उठाना चाहेंगे। उन्होंने आगामी IPL 2025 का उदाहरण देते हुए बताया कि अगर शुभमन गिल और ऋतुराज गायकवाड़ दोनों शानदार प्रदर्शन करते हैं, तो चयनकर्ताओं के लिए एक और सिरदर्द खड़ा हो जाएगा। अश्विन ने कहा,

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“भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशंसकों के रूप में हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे पास इतने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का पूल है। लेकिन इससे चयनकर्ताओं के लिए मुश्किलें भी बढ़ जाती हैं।”

गौरतलब है कि गिल को हाल ही में भारतीय वनडे टीम का उप-कप्तान बनाया गया है, लेकिन वह टी20 टीम का हिस्सा नहीं हैं और रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं। दूसरी ओर, संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा टी20 में ओपनिंग कर रहे हैं, जिससे ऋतुराज गायकवाड़ के लिए जगह नहीं बन पा रही है, जबकि उन्होंने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक भी जड़ा था।

अश्विन की चयनकर्ताओं को सलाह

अश्विन ने सुझाव दिया कि चयनकर्ताओं को केवल हालिया प्रदर्शन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह देखना चाहिए कि कौन सा खिलाड़ी दबाव में बेहतर खेलता है। उन्होंने कहा,

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“आगे बढ़ते हुए, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रदर्शन को आंकने के लिए हमें सिर्फ आंकड़ों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि यह भी देखना चाहिए कि खिलाड़ी दबाव में कैसा खेलता है। आधुनिक क्रिकेट में कई खिलाड़ी बेहतरीन टाइमिंग से शॉट्स खेलते हैं, लेकिन बड़े टूर्नामेंट में दबाव झेलना भी जरूरी होता है।”

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 टीम चयन पर सवाल

भारतीय चयनकर्ताओं को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 टीम के चयन को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। विकेटकीपर संजू सैमसन और लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को टीम में जगह नहीं मिलने से फैंस नाराज हैं। वहीं, पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने भी सवाल उठाया कि टीम में दो बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिनर्स क्यों शामिल किए गए हैं।

भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों की संख्या जितनी बढ़ रही है, उतनी ही चयनकर्ताओं की जिम्मेदारी भी मुश्किल होती जा रही है। अश्विन का मानना है कि आने वाले समय में सही खिलाड़ियों का चयन करना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।