
टीम इंडिया इस समय इंग्लैंड के दौरे पर है और जिस अंदाज़ में भारतीय खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया है, उसने सबको चौंका दिया है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ियों के बिना भी भारत की युवा टीम ने इंग्लैंड को उसी के घर में बैकफुट पर धकेल दिया है। लीड्स और बर्मिंघम के बाद लॉर्ड्स टेस्ट में भी भारतीय बल्लेबाज़ों का दबदबा साफ नजर आया। लेकिन इसी बीच एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे क्रिकेट जगत का ध्यान खींचा।
तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय बल्लेबाज़ों ने शानदार खेल दिखाया। केएल राहुल, ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा ने एक-एक रन के लिए इंग्लिश गेंदबाजों को खूब मेहनत कराई। खास तौर पर राहुल और पंत की साझेदारी ने टीम इंडिया को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। भारत की पहली पारी 387 रन पर खत्म हुई, लेकिन तब तक इंग्लैंड पूरी तरह से दबाव में आ चुका था। इसी दबाव के चलते इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने एक ऐसी रणनीति अपनाई, जिसकी चारों ओर चर्चा हो रही है। उन्होंने विकेट निकालने के लिए पारंपरिक तरीका छोड़कर लेग साइड पर 7-8 फील्डर लगा दिए। डीप फाइन लेग, डीप स्क्वेयर लेग, डीप मिडविकेट, लॉन्ग ऑन और अन्य पोजिशन पर फील्डर तैनात कर दिए गए। इसके बाद इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाजों ने लगातार शॉर्ट पिच और बाउंसर गेंदें डालनी शुरू कीं।
उनका मकसद था कि ऋषभ पंत पुल शॉट खेलें और गलती कर बैठें। लेकिन ना तो पंत डरे और ना ही अपना विकेट गंवाया। इंग्लैंड की ये रणनीति सफल तो नहीं हुई, लेकिन क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच बहस जरूर छेड़ गई। इस रणनीति की सबसे तीखी आलोचना की भारत के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने। वो उस समय इंग्लिश कमेंट्री बॉक्स में थे और उन्होंने लाइव कमेंट्री में ही इस रणनीति को “क्रिकेट की भावना के खिलाफ” बताया।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा “ये क्रिकेट नहीं है। अगर इस तरह फील्डिंग लगाई जाएगी तो बल्लेबाज़ के पास खेलने के लिए कोई सुरक्षित ज़ोन ही नहीं बचेगा। लेग साइड पर 6 से ज्यादा फील्डर नहीं होने चाहिए।” गावस्कर ने आगे अपने दौर का उदाहरण दिया, जब वेस्टइंडीज के गेंदबाज बाउंसर से बल्लेबाज़ों को चोट पहुंचाते थे। तब ICC ने नियम बनाकर एक ओवर में सिर्फ दो बाउंसर की अनुमति दी थी। उसी तरह अब यह जरूरी हो गया है कि फील्डिंग सेटअप पर भी नियम बने ताकि खेल का संतुलन बना रहे। गावस्कर ने सिर्फ नाराज़गी जाहिर नहीं की, बल्कि समाधान भी सुझाया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि ICC इस तरह की फील्डिंग पोजीशन पर लगाम लगाए। उन्होंने सौरव गांगुली से भी अपील की, जो इस समय ICC की क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन हैं। यह कमेटी ही प्लेइंग कंडीशंस और नियमों में बदलाव के सुझाव देती है। गावस्कर ने कहा कि "अगर नियम समय के साथ नहीं बदले गए तो इस खेल की मूल भावना ही खतरे में पड़ जाएगी।"