
मुंबई के युवा और प्रतिभाशाली क्रिकेटर पृथ्वी शॉ कभी भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े उभरते सितारे माने जाते थे। अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने से लेकर टेस्ट डेब्यू में शतक तक, उन्होंने कम उम्र में ही ऐसे मुकाम छुए जो हर युवा खिलाड़ी का सपना होता है। लेकिन बीते कुछ साल उनके लिए संघर्ष भरे रहे। फॉर्म गिरती गई, फिटनेस पर सवाल उठे और मैदान के बाहर की लाइमलाइट ने उन्हें उस रास्ते से भटका दिया जहां से उन्होंने शुरुआत की थी।
पृथ्वी शॉ अब खुद मानते हैं कि उनसे गलतियाँ हुईं। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी गिरती फॉर्म और करियर की पटरी से उतरने की वजहों पर खुलकर बात की। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ फैसले उनकी ज़िंदगी में गलत थे। क्रिकेट को उन्होंने कम समय देना शुरू कर दिया, और कुछ ऐसे दोस्त बने जिन्होंने उन्हें ग़लत दिशा में मोड़ दिया। पृथ्वी का कहना है कि उन्होंने प्रैक्टिस पर ध्यान देना कम कर दिया था और यही उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई।
लेकिन अब पृथ्वी शॉ दोबारा शुरुआत करने को तैयार हैं। पहले से ज़्यादा फोकस के साथ। उनका लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट है। भारत के लिए वनडे और टी20 वर्ल्ड कप जीतना। उन्होंने कहा कि अगला वर्ल्ड कप उनके दिमाग में है और वो इस सपने को हकीकत में बदलना चाहते हैं। खास बात यह है कि पृथ्वी इस सफर में अपने बचपन के दोस्त अर्जुन तेंदुलकर को भी साथ देखना चाहते हैं। दोनों की दोस्ती क्रिकेट मैदान से शुरू होकर एक गहरा रिश्ता बन चुकी है। पृथ्वी का सपना है कि वो भारत के लिए ओपनिंग करें और अर्जुन नई गेंद के साथ बॉलिंग की शुरुआत करें। जब उनसे पूछा गया कि क्या वो खुद को और अर्जुन को एक साथ टीम इंडिया में खेलते हुए देखते हैं, तो उनका जवाब था। "बिलकुल, क्यों नहीं?"
पृथ्वी शॉ ने जो गलती की, उसे स्वीकार करना और उससे सीख लेकर आगे बढ़ना शायद किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ी बात होती है। उन्होंने अब अपने पुराने रवैये को पीछे छोड़कर दोबारा से मेहनत और समर्पण की राह पर चलने का फैसला लिया है। आज भले ही वो टीम इंडिया से दूर हैं, लेकिन इरादों में वो आग फिर से दिखाई दे रही है जो उन्हें एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए खेलते हुए देख सकती है। अगर पृथ्वी ने इस बार खुद से किया वादा निभा लिया तो शायद अगला वर्ल्ड कप सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, उनकी वापसी की कहानी बन जाए।