टीम इंडिया के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज़ दिनेश कार्तिक ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में अपने दिल की बात बताई। इस दौरान उन्होंने बेहद हल्के-फुल्के अंदाज़ में बताया कि कैसे साल 2018 में उनके टेस्ट करियर का अचानक अंत हो गया। कार्तिक ने बताया कि तब टीम के कोच रहे रवि शास्त्री ने उनसे क्या कहा था, जिसने साफ कर दिया कि अब उनके लिए टेस्ट क्रिकेट में आगे कोई जगह नहीं है।
पॉडकास्ट में खोला राज
कार्तिक इंग्लैंड में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के दौरान एक पॉडकास्ट में नासिर हुसैन, माइकल एथरटन और रवि शास्त्री के साथ बैठे थे। इसी दौरान उन्होंने अपने करियर की एक मज़ेदार पर फिर भी दर्दभरी घटना को साझा किया। कार्तिक बोले,
“सबसे पहले तो, मैं कहना चाहूंगा कि मेरी और नास की ज़्यादा समानताएं नहीं हैं और मैं यही चाहता हूं। लेकिन अफसोस, हमारा अंत एक जैसा हुआ, वो भी लॉर्ड्स में। फर्क बस इतना है कि नास खुद बोले- ‘मुझे लगता है, अब मैं खत्म हो गया हूँ।’ और मेरे केस में कोच आए और बोले- ‘अगले टेस्ट के लिए आने की ज़रूरत नहीं है, तुम खत्म हो गए हो।’”
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कैसे टूटा सपना
असल में, 2018 में अफगानिस्तान के खिलाफ हुए टेस्ट मैच में रिद्धिमान साहा की गैरहाज़िरी में दिनेश कार्तिक को टेस्ट टीम में जगह मिली थी। इसके बाद वो इंग्लैंड दौरे पर भी टीम का हिस्सा बने। लेकिन वहाँ उनकी बल्लेबाज़ी हरी पिचों पर नहीं चल पाई। एजबेस्टन टेस्ट में कार्तिक 0 और 20 रन ही बना सके। लॉर्ड्स में तो हाल और भी बुरा रहा, जहाँ वो 1 और 0 रन पर आउट हो गए।
इन्हीं खराब प्रदर्शन के बाद रवि शास्त्री ने दो टूक कह दिया कि अगली टेस्ट टीम में उनकी ज़रूरत नहीं है। इसके बाद कार्तिक को टीम से ड्रॉप कर दिया गया और उनकी जगह युवा ऋषभ पंत को मौका मिला। पंत ने पहले आईपीएल में दमदार बल्लेबाज़ी की थी और फिर उन्हें टेस्ट में भी मौका मिल गया। वहाँ उन्होंने बल्ले से ऐसा कमाल दिखाया कि फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आज पंत चमक रहे हैं, कार्तिक कर रहे कमेंट्री
अब उसी इंग्लैंड में दिनेश कार्तिक और रवि शास्त्री एक साथ कमेंट्री और एक्सपर्ट पैनल का हिस्सा हैं। वहीं ऋषभ पंत इस सीरीज़ में अब तक 342 रन बनाकर भारतीय टेस्ट इतिहास के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर-बल्लेबाज़ों में नाम लिखवा चुके हैं। इस सीरीज़ में अभी तक दोनों टीमों ने एक-एक मैच जीता है। इंग्लैंड ने हेडिंग्ले में पहला टेस्ट अपने नाम किया था, जबकि भारत ने एडबस्टन में शानदार वापसी करते हुए जीत दर्ज की।
कहानी में छुपा एक सबक
दिनेश कार्तिक की यह कहानी बताती है कि क्रिकेट कितना बेरहम हो सकता है। एक-दो खराब पारियों के बाद ही खिलाड़ियों का करियर दांव पर लग जाता है। लेकिन कार्तिक की सबसे बड़ी खूबी यही है कि वो इस किस्से को आज भी हंसते हुए बताते हैं। यही खेल की खूबसूरती है — यहाँ गिरने के बाद भी मुस्कुराना पड़ता है।