क्रिकेट में भविष्य को लेकर एमएस धोनी का बयान, बोले- बचपन की तरह खेलना चाहता हूं

By Darshna Khudania

Published on:

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई कप्तान रहे है जिन्होंने सफलता हासिल की है लेकिन इन सभी में से सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं। भारतीय टीम में MSD का कार्यकाल काफी यादगार रहा है। धोनी इस समय में क्रिकेट जगत के सबसे महान शख्सियतों में से एक है।उन्होंने ना नहीं सिर्फ अपनी शानदार बल्लेबाज़ी से लोगों के दिलों में छाप छोड़ी है बल्कि भारतीय कप्तान के रूप में तीन ICC ट्रॉफी जीतकर हर भारतीय क्रिकेट फैन का दिल जीता है। धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की थी। 

धोनी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से बेशक रिटायर हो चुके है पर वो अभी भी फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट खेलते है और चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा है।

MS Dhoni

क्रिकेट में धोनी के भविष्य को लेकर काफी चर्चा होती ही रहती है। अब उन्होंने खुद ये स्पष्ट कर दिया है की इस सीजन में IPL में जाने से पहले उनकी मानसिकता क्या होगी। धोनी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, “मैं 2019 से रिटायर हो चुका हूं, इसलिए इसमें काफी समय लगेगा। इस बीच मैं जो कर रहा हूं, वह यह है कि मैं आखिरी कुछ सालों तक क्रिकेट का आनंद लेना चाहता हूं, आप जानते हैं, मैं खेल पाऊंगा।”

MS Dhoni

उन्होंने आगे कहा,

“मैं इसका आनंद लेना चाहता हूँ, जैसा कि मैं बचपन में स्कूल में करता था। जब मैं कॉलोनी में रहता था, तो दोपहर 4 बजे खेल का समय होता था, इसलिए हम अक्सर क्रिकेट खेलने जाते थे, लेकिन अगर मौसम साथ नहीं देता, तो हम फुटबॉल खेलते थे। मैं उसी तरह की मासूमियत के साथ खेलना चाहता हूँ… (लेकिन) ऐसा कहना जितना आसान है, करना उतना आसान नहीं है।”

MS Dhoni

इसी इंटरव्यू में धोनी ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने और खेलने के दौरान अपने मुख्य फोकस के बारे में भी बात की और यह भी बताया की युवा खिलाड़ियों का देश का प्रतिनिधित्व करते समय अपनी प्राथमिकताओं को सही रखना कितना ज़रूरी है। धोनी ने कहा,

“एक क्रिकेटर के तौर पर मैं हमेशा भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना चाहता था, क्योंकि मैंने पहले भी कहा है कि हर किसी को देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिलता है। हमारे लिए क्रिकेटरों के तौर पर जब भी हम बड़े मंच पर जाते थे या जब भी हम दौरे पर जाते थे, तो हमारे पास देश के लिए सम्मान जीतने का मौका होता था और इसलिए मेरे लिए देश हमेशा पहले आता था।”

धोनी ने अंत में कहा,

“आपको हमेशा यह पता लगाना चाहिए कि आपके लिए क्या अच्छा है। जब मैं खेल रहा था, तो मैंने सुनिश्चित किया कि क्रिकेट मेरे लिए सब कुछ हो – बाकी कुछ भी मायने नहीं रखता। मुझे किस समय सोना है? मुझे किस समय उठना है? इसका मेरे क्रिकेट पर क्या प्रभाव पड़ता है, यही सबसे महत्वपूर्ण बात थी।”