Mohammed Shami ODI Snub: लंबे समय से International Cricket क्रिकेट से दूर हैं। उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में था। इसके बाद फिटनेस की वजह से उन्हें भारतीय टीम से बाहर रखा गया। भले ही वे IPL खेल रहे हैं और बंगाल की घरेलू टीम के लिए नियमित रूप से गेंदबाजी कर रहे हैं, लेकिन BCCI और चयनकर्ताओं ने उन्हें अनदेखा किया है। ऑस्ट्रेलिया दौरे (19 अक्टूबर से शुरू होने वाला) के लिए उनका नाम ODI और T20I टीमों में शामिल नहीं किया गया। इस मुद्दे पर अब Shami ने अपनी बात सामने रखी है।
Mohammed Shami ODI Snub: बहुत सी अफवाहें और मीम्स बन रहे हैं…
उन्होंने कहा,“बहुत सी अफवाहें और मीम्स बन रहे हैं। लोग मुझसे पूछते हैं कि Australia Series में Selection क्यों नहीं हुआ। मेरा कहने का तरीका ये है कि चयन करना मेरा काम नहीं है यह चयन समिति, कोच और कप्तान का काम है। अगर उन्हें लगेगा मैं टीम में आना चाहिए, तो मुझे बुलाया जाएगा; और अगर उन्हें लगेगा थोड़ा और समय देना चाहिए, तो वे फैसला लेंगे। मैं तैयार हूँ और अभ्यास कर रहा हूँ।”
Mohammed Shami ने ये भी कहा कि उनकी फिटनेस भी ठीक है। “जब मैदान से दूर हो, तब मोटिवेशन बनाए रखना मुश्किल होता है। लेकिन मैंने Duleep Trophy में खेला, मुझे अच्छा महसूस हुआ मेरा रिदम भी सही था और लगभग 35 ओवर्स मैंने फेंके। फिटनेस में कोई दिक्कत नहीं है।”
Mohammed Shamiने इस बात को भी बताया कि मैदान से दूर होने के बाद मनोबल बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि लगातार खुद को तैयार रखना ज़रूरी है। “जब आप लंबे समय तक टीम से बाहर हों, तो संदेह और आलोचनाएं बढ़ जाती हैं। लेकिन मैंने कोई बहाना नहीं बनाया। मैं हर रोज अभ्यास कर रहा हूँ, गेंदबाजी कर रहा हूँ, ताकि जब मौका मिले, मैं तैयार रहूँ।”
उनका यह भी कहना था कि चयन पैनल को निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। वे चयनकर्ताओं, कोच और कप्तान की भूमिका को समझते हैं। “मेरा काम अपनी तैयारी करना है, अपना दीया जलाए रखना है, बाकी फैसला उनका है।”
शमी ने ये स्पष्ट किया कि वे मैदान से हटे नहीं हैं वे हर समय तैयार हैं। उन्होंने दलील दी कि टीम चयन में सिर्फ प्रदर्शन नहीं, बल्कि समय, रणनीति, टीम में तालमेल आदि कई बातें देखी जाती हैं।
Mohammed Shami ODI Snub: Captaincy बदलाव पर Shami ने राखी अपनी राय
Mohammad Shami ने Rohit Sharma को ODI कप्तान से हटाए जाने और Shubman Gill के कप्तान बनने पर भी अपनी राय दी। “इस सवाल पर बहुत मीम्स बन रहे हैं। पर इसके खिलाफ कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। यह फैसला BCCI, चयनकर्ताओं और कोचों का है। शुबमन ने इंग्लैंड में टीम की अगुवाई की है, गुजरात टाइटन्स के कप्तान भी हैं। इसलिए अनुभव भी है। किसी को ये जिम्मेदारी देनी थी, BCCI ने शुबमन को चुना, हम उसे स्वीकार करें।”
उनका मानना है कि कप्तानी पर सवाल उठाना सही नहीं है। “किसी का कप्तान होना हमारे हाथ में नहीं है। आज कोई कप्तान है, कल कोई और होगा यह चक्र चलता रहेगा।”
उन्होंने जोर दिया कि टीम, चयन, कप्तानी ये सब बड़े फैसले हैं जो खिलाड़ी के बस की चीज़ नहीं हैं। एक समय बाद हर खिलाड़ी को समझना होगा कि टीम में लौटना या न लौटना, कप्तान बनना या न बनना ये सब व्यवस्थाओं के हिस्से हैं।
शमी की ये प्रतिक्रियाएँ यह दिखाती हैं कि वे सिर्फ फ़िलहाल टीम में नहीं हैं — लेकिन हिम्मत हारे नहीं हैं। उन्होंने साफ किया कि उनकी फिटनेस ठिक है, तैयारी जोरों पर है, और चयन की प्रक्रिया में उनका काम अपनी क्षमता दिखाना है। कप्तानी संबंधी बदलाव पर भी वे बाग़ी नहीं हैं वे मानते हैं कि निर्णय करना टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं का हक है।
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