
इंग्लैंड दौरे पर उतरी युवा और कम अनुभवी भारतीय टीम हर मुकाबले में अपने खेल से न सिर्फ़ विरोधियों को चौंका रही है, बल्कि क्रिकेट इतिहास के पुराने पन्नों को भी नए सिरे से लिख रही है। कप्तान शुभमन गिल की अगुआई में टीम इंडिया ने लीड्स टेस्ट में जहां पांच शतक लगाकर कीर्तिमान बनाया था, वहीं एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में गिल का दोहरा शतक और तेज़ गेंदबाज़ी में मोहम्मद सिराज और आकाश दीप का तूफानी प्रदर्शन किसी चमत्कार से कम नहीं रहा। दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय गेंदबाज़ों ने वो कारनामा कर दिखाया, जिसकी कल्पना शायद इंग्लिश बल्लेबाज़ों ने भी नहीं की थी। इंग्लैंड की टीम ने जब जेमी स्मिथ और हैरी ब्रूक की साझेदारी के दम पर 300 से अधिक रन जोड़ दिए थे, तो ऐसा लगने लगा था कि मेज़बान टीम भारत की 587 रन की पहली पारी के जवाब में मज़बूती से खड़ी हो जाएगी। लेकिन तभी सिराज और आकाश दीप की जोड़ी ने जैसे इंग्लैंड की रफ़्तार पर ब्रेक लगा दी।
मोहम्मद सिराज ने इस पारी में 6 विकेट लेकर अंग्रेज़ों की कमर तोड़ दी। उन्होंने पहले ही दिन एक विकेट ले लिया था, लेकिन तीसरे दिन का आगाज़ उन्होंने जो रूट और बेन स्टोक्स जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ों को लगातार गेंदों पर आउट करके किया। फिर आखिरी सत्र में उन्होंने इंग्लैंड के बचे-खुचे बल्लेबाज़ों को समेटते हुए पारी में 6 विकेट पूरे किए। यह उनके करियर का चौथा मौका था जब उन्होंने एक पारी में पांच या उससे अधिक विकेट लिए हों। दूसरी ओर, आकाश दीप, जो टीम इंडिया के लिए नई खोज की तरह सामने आए हैं, उन्होंने इस टेस्ट में अपनी भूमिका पूरी गंभीरता से निभाई। उन्होंने इंग्लैंड की पारी के शुरुआती दोनों विकेट लिए, जिससे इंग्लैंड दबाव में आ गया। जब स्मिथ और ब्रूक की साझेदारी टीम इंडिया को परेशानी में डाल रही थी, तो आकाश ने नई गेंद से वापसी कर इस साझेदारी को तोड़ते हुए दो और महत्वपूर्ण विकेट झटक लिए। उन्होंने कुल मिलाकर 4 विकेट लिए और सिराज के साथ मिलकर इंग्लैंड की पूरी टीम को 407 रन पर समेट दिया।
इस प्रदर्शन की सबसे खास बात यह रही कि इंग्लैंड की पूरी पारी के सभी 10 विकेट सिर्फ दो गेंदबाज़ों सिराज और आकाश दीप ने लिए। ऐसा चमत्कार भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ चौथी बार हुआ है। आखिरी बार यह नज़ारा 1983 में देखने को मिला था, जब अहमदाबाद टेस्ट में कपिल देव और बलविंदर संधू की जोड़ी ने वेस्टइंडीज की पूरी टीम को पवेलियन भेज दिया था। उस पारी में कपिल ने 9 और संधू ने 1 विकेट लिया था। एजबेस्टन टेस्ट में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जसप्रीत बुमराह की गैरहाज़िरी में मोहम्मद सिराज ने वरिष्ठता की जिम्मेदारी निभाई, तो आकाश दीप ने भरोसे को परफॉर्मेंस में बदला। दोनों ने मिलकर साबित कर दिया कि यह युवा भारतीय टीम केवल सीखने नहीं, बल्कि इतिहास रचने आई है।