Mitchell starc: तेज़ गेंदबाज़ी की दुनिया में आज के समय के बड़े नामों में शामिल ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क ने एशेज 2025-26 की ओपनिंग में कोई समय बर्बाद नहीं किया। मैच शुरू होते ही उन्होंने अपना असर दिखा दिया और पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में सीरीज़ के पहले ही ओवर में ज़ैक क्रॉली को आउट कर दिया। बाएं हाथ से बाहर जाती उनकी गेंद क्रॉली के हल्के से टच के साथ सीधे उस्मान ख्वाजा के हाथों स्लिप में चली गई। यह पल इतना जोरदार था कि पूरा स्टेडियम एकदम गूंज उठा और सबको फिर एहसास हुआ कि स्टार्क कितनी आसानी से शुरुआती विकेट निकालकर मैच की दिशा बदल सकते हैं।
पहला झटका देने के बाद उन्होंने अगले कुछ ओवरों में दो और विकेट चटकाए। शुरुआती 10 ओवरों में तीन विकेट लेकर उन्होंने एक ऐसा ‘यूनिक सेंचुरी’ रिकॉर्ड हासिल किया, जिसने उन्हें एशेज के टॉप गेंदबाज़ों की सूची में और ऊपर पहुंचा दिया।
Mitchell Starc की गेंद में फँसे डकेट और Joe root

सातवें ओवर में Mitchell starc ने एक और बड़ा विकेट निकाला और इस बार शिकार बने इंग्लैंड के बेन डकेट। डकेट ने 20 गेंदों में 21 रन बनाकर तेज़ शुरुआत की थी और ‘बैज़बॉल’ अंदाज़ का सही उदाहरण दिखाया। उनकी तेजी से रन बनाने की क्षमता अक्सर इंग्लैंड को शुरुआत में बढ़त दिलाती है, लेकिन स्टार्क की टाइट लाइन और रफ्तार ने इस बार उनका प्लान बिगाड़ दिया।
दो विकेट मिलते ही स्टार्क और ज्यादा खतरनाक दिखने लगे और उन्होंने उसी रफ्तार में जो रूट को भी रोकने में देर नहीं की। इंग्लैंड के सबसे भरोसेमंद आधुनिक बल्लेबाज़ रूट अभी सेट भी नहीं हो पाए थे और सिर्फ 7 गेंदों में बिना रन बनाए आउट हो गए। इससे इंग्लैंड की टॉप ऑर्डर शुरुआत में ही पूरी तरह हिल गई।
Joe Root का विकेट बन गया Mitchell Starc के करियर का बड़ा पल

जो रूट का विकेट स्टार्क के लिए एक खास उपलब्धि लेकर आया। अपनी तेज़ शुरुआत करने की क्षमता के दम पर उन्होंने अब टेस्ट मैचों की पहली ओवर में कुल 24 विकेट पूरे कर लिए हैं, जिनमें से 15 तो 2015 के बाद आए। रूट का आउट होना उनके एशेज करियर की 100वीं विकेट भी बनी। वह एशेज इतिहास में 21वें गेंदबाज़ बने जिन्होंने 100 विकेट हासिल किए, और खास बात यह है कि वह यह करने वाले पहले बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ हैं।
इन 21 गेंदबाज़ों में स्टार्क का स्ट्राइक रेट 44.8 सबसे बेहतर है, और यही चीज़ उन्हें इस सूची में सबसे ऊपर खड़ा करती है। उनकी यह शुरुआत इसलिए भी बेहद अहम रही क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस और जोश हेज़लवुड इस मैच में नहीं खेल रहे थे, और पूरे पेस अटैक की जिम्मेदारी स्टार्क पर ही थी।
मैच से पहले स्टार्क ने इस बात पर नाराज़गी जताई थी कि एशेज की शुरुआत पर्थ में हो रही है, जबकि आमतौर पर पहला मैच गाबा में होता है। लेकिन जब असल में गेंद उनके हाथ में आई, तो उन्होंने सब सवालों का जवाब अपने खेल से दे दिया। ऑप्टस स्टेडियम में उनका हर विकेट टीम और दर्शकों में नई ऊर्जा भर रहा था। वहीं इंग्लैंड के लिए यह शुरुआत साफ चेतावनी थी कि नई गेंद स्टार्क के हाथ में हो, तो एक-एक गलती बहुत भारी पड़ सकती है।
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