लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट में भारत के युवा बल्लेबाज़ यशस्वी जैसवाल ने जबरदस्त शतक लगाया, लेकिन उनकी फील्डिंग की चूकें खूब ध्यान में आईं। पूरे मैच में भारत ने आठ कैच ड्रॉप किए, जिसने इंग्लैंड को लगभग 250 अतिरिक्त रन देने का मौका दिया और मैच का रुख बदल डाला। इन सभी में से चार कैच जैसवाल के हाथ फिसल गए, जो उनके लिए बेहद महंगा साबित हुआ।कप्तान-पूर्व बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने कमेंट्री के दौरान कहा, “जैसवाल एक बेहतरीन फील्डर हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कुछ आसान कैच भी टेढ़े किए। ये काफी निराशाजनक रहा।” वहीं, स्टुअर्ट ब्रॉड ने भी फील्डरों की नियमित तैयारी और मैच में पकड़ पर सवाल उठाया।
लेकिन भारत के फील्डिंग कोच आर. श्रीधर ने जैसवाल का बचाव करते हुए कहा कि वह गली क्षेत्र में एक बेहतरीन फील्डर हैं। उन्होंने याद दिलाया कि जैसवाल ने बंगलादेश के खिलाफ कानपुर टेस्ट में शानदार पकड़ें भी दिखाईं। श्रीधर ने बताया, “लीड्स की ठंडी और तेज हवा में ये सभी खिलाड़ियों के लिए पहली बार थी। हाथ थरथराते थे और इससे पकड़ मुश्किल हो गई।”
श्रीधर ने टीम की ग्राउंड फील्डिंग पर भी चिंता जताई। उनका कहना था कि यह पूरी तरह खिलाड़ी के कंट्रोल में होता है—वे अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किस गेंद पर भूख जोड़ना है, कहां सुरक्षित रहना है। वहां तेज हवा और ठंड ने इसकी चुनौती और बढ़ा दी। उन्होंने तारीफ की कि करुण नायर और केएल राहुल ने कमाल की पकड़ दिखाई।
श्रीधर ने सभी से धैर्य रखने का अनुरोध किया। शुरुआत में इंग्लैंड जैसे माहौल में तालमेल मिलाना आसान नहीं होता। ड्युक गेंद के साथ स्लिप और गली क्षेत्र में पकड़ना, बिलकुल अलग चुनौती है—हाथ बर्फ जैसे ठंडे होते हैं, गेंद झूलती है और तेज हवा हाथों का साथ छोड़ देती है।