IND vs PAK: एशिया कप 2025 में भारत से दो हार मिलने के बाद भी, पाकिस्तान इस बड़े टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंच गया। अब IND vs PAK तीसरी बार इस टूर्नामेंट में आमने सामने होंगे। पिछली बार तो Super 4 मुकाबले में मैच के बीच हरीस रऊफ और साहिबजादा फरहान के इशारों ने विवाद खड़ा कर दिया था।
IND vs PAK: Haris Rauf or Sahibzada Farhan के खिलाफ BCCI ने File की Complain
भले ही BCCI ने हरीस और साहिबजादा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है और अभी ICC का फैसला बाकी है, लेकिन पाकिस्तान के कोच Mike Hesson ने अपने खिलाड़ियों को चेतावनी दी है कि वे सिर्फ क्रिकेट पर ध्यान दें। उन्होंने कहा, “मैसेज सिर्फ यही है कि क्रिकेट पर फोकस रखा जाए, इशारों या प्रतिक्रिया पर ध्यान नहीं जाए। हाई प्रेशर मुकाबलों में भावनाएँ हमेशा होती हैं।”
जब भारत ने पाकिस्तान से पहली बार इस एशिया कप में मुकाबला किया, तो सुर्यकुमार यादव ने हाथ नहीं मिलाया। इस पर पाकिस्तान टीम के खिलाड़ी सलमान अली अग्हा ने पोस्ट‑मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में खिंचाई की।
IND vs PAK: अबतक भारत का रहा दबदबा
मैचों की कहानी भारत के पक्ष में ही रही दोनों मुकाबले भारत ने आराम से जीते। पहले ग्रुप चरण में सात विकेट से और सुपर 4 में छः विकेट से जीत। इस तरह भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी जीत की लकीर सात मैचों तक बढ़ा दी जिसमें तीन वनडे और चार T20 शामिल हैं।
हालाँकि हैसन मानते हैं कि यदि वे भारत को दबाव में रखना चाहते हैं तो उन्हें लगातार बेहतर प्रदर्शन करना होगा। “हमें ऐसे खेलना होगा कि भारत को ज्यादा देर तक दबाव में रखा जाए। क्योंकि इसका कारण है कि वे विश्व में टॉप टीम हैं,” उन्होंने कहा।
पहले मैच में पाकिस्तान की टीम सिर्फ 127/9 स्कोर कर सकी, जिसे भारत ने तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया। दूसरे मुकाबले में पाकिस्तान ने बेहतर खेल दिखाया, लेकिन जीत नहीं मिली। हैसन ने कहा, “पहला गेम थोड़ा धीमा रहा, हमने भारत को नियंत्रण करने की अनुमति दी। लेकिन दूसरे मैच में हमने उन्हें लंबे समय तक दबाव में रखा।”
उन्होंने यह भी माना कि भारत से हार तनजीम से नहीं, बल्कि भारत के एक शानदार पारी ने मुकाबला पलट दिया।
कोच हैसन ने कहा पाकिस्तान ने फाइनल तक पहुँचने का हक कायम किया है और अब यह उनकी जवाबदेही है कि इस मौके को कैसे भुनाया जाए। “हम इसे पाना योग्य थे, और अब यह हमारे ऊपर है कि हम इस मौके का पूरा फायदा उठाएँ। हम हमेशा से यह चैंपियन बनना चाहते हैं।”
पाकिस्तान की टीम इस फाइनल में भावनात्मक दबाव और बड़े तनाव दोनों से जूझेगी। लेकिन हैसन की कोशिश यह होगी कि खिलाड़ी केवल खेल पर ध्यान दें, विवादों या दर्शकों की प्रतिक्रियाओं की ओर न देखें।
वहीं भारत भी पिछली शानदार फॉर्म और दबदबे को कायम रखना चाहेगा। इस मुकाबले में न सिर्फ टीमों की रणनीति, बल्कि मनोबल भी अहम रहेगा।
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