लॉर्ड्स की पिच पर चुनौतीपूर्ण होगी भारतीय बल्लेबाज़ी

बाज़-बॉल रणनीति की चुनौती पर कोच कोटक की राय
 Sitanshu Kotak
Sitanshu KotakImage Source: Social Media
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भारतीय बैटिंग कोच सितांशु कोटक का अनुमान है कि लार्ड्स की पिच शुरुआती दो मैचों की सपाट पिचों से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगी। हालांकि, उनका मानना है कि अगर बल्लेबाज़ गैरज़रूरी शॉट्स से बचें, तो बड़े स्कोर बनाना भी मुश्किल नहीं होगा।

मैच से दो दिन पहले ली गई पिच में काफी घास देखी गई थी, जिसे एक दिन पहले थोड़ा हटाया जा सकता है। कोटक बोले कि ऐसे विकेट बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल होते हैं, लेकिन समय बिताना ही सबसे बड़ी चाबी है। उनका विचार है, अगर बल्लेबाज़ धैर्य रखें और कोशिश करें कि उन्हें विकेट पर टिके रहना है, तो वे विकेट की परिस्थितियों को समझ सकते हैं।

“दिमाग में रहना चाहिए कि इस विकेट पर कभी-कभी कैच ड्रॉप नहीं होंगे जैसे हेडिंग्ले में हुए थे”, कोटक ने कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब विकेट चुनौतीपूर्ण हो, तब हमला करने की तैयारी नहीं करनी चाहिए बल्कि समझदारी से खेलना चाहिए।

जहां कोटक ने ऐसा कहा, वहीं उन्होंने जॉफ़्रा आर्चर के संभावित वापसी को भी चुनौतीपूर्ण बताया। इंग्लैंड अगर थोड़ी मुश्किल पिच देगा तो यह बस सही ही होगा। कोटक का कहना है, “अगर तुम अच्छे से बल्लेबाज़ी करोगे, तब कोई समस्या नहीं होती। लेकिन चुनौती आने पर तुम्हें उसको स्वीकार करना होगा।”

उन्होंने भिड़ंत को “बाज़-बॉल” रणनीति का उल्लंघन कहा – जहां गेंदबाज़ों को सामान्य विकेट में कुछ मदद की संभावना होती है। उनके अनुसार, अगर बल्लेबाज़ जल्दबाज़ी में विकेट पर गलत शॉट मारने की कोशिश करेंगे — जैसे कि ‘जा कर boundary मारो क्योंकि कोई अच्छी गेंद लेने का समय नहीं मिलेगा’ — तब वो अपनी बल्लेबाज़ी को खुद जोखिम में डाल रहे हैं।

कोटक ने परिभाषित किया कि “अनड्यू शॉट” वह है जिसमें बल्लेबाज़ मन में सोचता है कि उसे boundary मारनी है, नहीं तो अगली गेंद पर विकेट गिर सकती है। वह इसकी बजाय यह मानते हैं कि खिलाड़ी अगर विकेट पर समय बिताने की कला सीखें, तो उनके शॉट्स खुद ही boundary में बदल जाएंगे।

उन्होंने Rishabh Pant जैसे खिलाड़ियों को एक विशेष श्रेणी में बताया — जो अचानक momentum बदल देने वाले हैं, लेकिन उनकी सोच बराबर एक्टिव रहती है। Pant बैटिंग के दौरान खुद से बात करते हैं, लेकिन ज्यादा बातचीत करने से उनका फोकस भटक सकता है।

कोटक ने लार्ड्स की स्लोपिंग पिच को लेकर कहा कि शुरुआत में कुछ खिलाड़ी परेशान होते हैं, लेकिन अगर उनका दिमाग सही हो, तो यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। बल्लेबाज़ को seam के साथ-साथ विकेट के वेरिएशन को समझना होगा।

उनकी चर्चा में कप्तान शुभमन गिल की चमकदार बल्लेबाज़ी पर भी खास ध्यान गया। पिछले चार इनिंग्स में गिल ने 585 रन बनाए हैं। कोटक ने कहा कि गिल की तकनीक में छोटी-छोटी बदलावों के साथ सबसे बड़ा बदलाव मानसिक स्तर पर हुआ।

गिल अब पिच को टाइम देने की सोच के साथ बैटिंग करते हैं, जिससे वे loose गेंदों को boundary में बदल देते हैं। “ये बदलाव तकनीकी से ज्यादा मानसिक हैं,” कोटक ने कहा। इसी मानसिक मजबूती ने गिल को 150-140 गेंदों में बड़े रन बनाने में मदद की है।

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