India Used Vaseline, Umpire Should Check: पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी का भारत पर आरोप

Shabbir Ahmed के आरोपों ने बढ़ाया विवाद
Mohammad Siraj
Mohammed Siraj Image Source: Social media
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भारतीय क्रिकेट टीम के ज़्यादातर खिलाड़ी अब इंग्लैंड के लंबे दौरे के बाद वतन लौट आए हैं। यह दौरा शुरुआत में थोड़ा मुश्किल लग रहा था क्योंकि टीम में बड़े नाम मौजूद नहीं थे। न विराट कोहली, न रोहित शर्मा, और न ही रविचंद्रन अश्विन। कप्तानी की ज़िम्मेदारी शुबमन गिल जैसे युवा खिलाड़ी पर थी, इसलिए लोग ज़्यादा उम्मीद नहीं कर रहे थे।

इंग्लैंड की ज़मीन पर भारत ने साल 2007 के बाद कोई टेस्ट सीरीज़ नहीं जीती थी, इसलिए लोगों को लग रहा था कि इस बार भी टीम को हार का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन इस युवा टीम ने सबको गलत साबित कर दिया। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ को भारत ने 2-2 से ड्रॉ किया, जबकि पहले तीन टेस्ट के बाद टीम 2-1 से पीछे चल रही थी।

पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच पूरी तरह से थ्रिलर था। इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ़ 35 रन चाहिए थे और भारत को चार विकेट लेने थे। ये मुकाबला बेहद टाइट था। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने अंतिम दिन जान झोंक दी। दोनों ने एक-एक गेंद पूरे दमखम के साथ डाली। और आख़िरकार भारत ने सिर्फ़ 6 रन से जीत हासिल की। टेस्ट क्रिकेट में भारत की ये अब तक की सबसे छोटी रन से जीत थी।

हालांकि मैच के बीच एक विवाद भी सामने आया। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शब्बीर अहमद ने भारत पर गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा – “I think India used Vaseline. After 80 + over Ball still shine like new Umpire should send this ball to lab for examine.” उनका मानना था कि 80 ओवर से ज़्यादा गेंद फेंकने के बाद भी गेंद में चमक बनी हुई थी, जो कि शक पैदा करता है। हालांकि इस पर किसी अधिकारी ने कोई पुष्टि नहीं की और ना ही कोई जांच हुई।

इधर, क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने मोहम्मद सिराज की जमकर तारीफ की। सिराज ने आख़िरी दिन 5 विकेट लेकर इंग्लैंड की पारी को तहस-नहस कर दिया। उन्होंने lower order को 25 गेंदों में सिर्फ़ 9 रन देकर 3 विकेट से चौंका दिया। जब उन्होंने Gus Atkinson का ऑफ-स्टंप उड़ाया, तब जाकर भारत की जीत पक्की हुई।

सचिन ने सिराज की तारीफ करते हुए कहा – “Unbelievable. Superb approach. I love his attitude. I love the spring in his legs. For a fast bowler to be constantly in your face like that, no batsman will like it. And the approach he maintained until the end on the last day; I could also hear commentators saying he bowled around 90mph (145kph) on the last day, after having bowled more than 1,000 deliveries in the series. That shows his courage and big heart.”

सिराज ने पूरे सीरीज़ में दमदार प्रदर्शन किया। उन्होंने ना सिर्फ़ रफ्तार कायम रखी बल्कि फिटनेस और जोश भी पूरे लेवल पर दिखाया। एक के बाद एक स्पेल में उन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को परेशान किया। और सबसे बड़ी बात ये थी कि उन्होंने हर बार टीम को ब्रेकथ्रू दिलाया जब ज़रूरत थी।

शुबमन गिल की कप्तानी भी तारीफ के काबिल रही। उन्होंने युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका दिया और पूरे टीम को एकजुट रखा। बिना किसी बड़े नाम के भी टीम ने धैर्य और आत्मविश्वास से हर मुकाबले का सामना किया।

ये सीरीज़ सिर्फ़ एक ड्रॉ नहीं थी, ये उस सोच का जवाब थी जिसमें लोग मानते हैं कि बिना सीनियर खिलाड़ियों के टीम इंडिया जीत नहीं सकती। इस दौरे ने दिखा दिया कि भारतीय क्रिकेट की नई पीढ़ी भी किसी से कम नहीं है। मोहम्मद सिराज जैसे खिलाड़ी आज के युवा क्रिकेटर्स के लिए मिसाल हैं – जो सिर्फ़ मेहनत से नहीं, बल्कि जज्बे से भी खेलते हैं।

आख़िर में, ये कहना गलत नहीं होगा कि इंग्लैंड का ये दौरा जीत के बराबर रहा। रिकॉर्ड में भले ही ड्रॉ लिखा गया हो, लेकिन भारतीय टीम का जोश, साहस और प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि भविष्य सुरक्षित हाथों में है।

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