
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन को देखते हुए कड़ा कदम उठाया है। बोर्ड ने टीम में अनुशासन बनाए रखने और खिलाड़ियों की प्राथमिकताओं को सही दिशा में ले जाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। इनमें घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य करने से लेकर व्यक्तिगत विज्ञापनों पर रोक और विदेशी दौरों पर निजी स्टाफ की सीमित मौजूदगी तक के नियम शामिल हैं।
घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य
टीम इंडिया की हालिया असफलताओं, खासकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से हार और न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 की करारी शिकस्त के बाद, कई दिग्गज खिलाड़ियों पर रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट्स को नजरअंदाज करने के आरोप लगे। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे बड़े खिलाड़ियों पर भी यह सवाल उठे कि वे घरेलू क्रिकेट में हिस्सा क्यों नहीं लेते। इसी को देखते हुए BCCI ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय टीम में चयन और केंद्रीय अनुबंध के लिए खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी होगा। जो खिलाड़ी इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
विज्ञापन और निजी स्टाफ पर सख्ती
BCCI ने खिलाड़ियों को टीम के आधिकारिक विज्ञापनों और प्रमोशनल इवेंट्स में शामिल होने की अनुमति दी है, लेकिन किसी भी सीरीज के दौरान व्यक्तिगत विज्ञापन शूट करने की मनाही होगी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ी केवल क्रिकेट पर फोकस करें और किसी अन्य चीज में उनका ध्यान न भटके।
इसके अलावा, विदेशी दौरों के दौरान खिलाड़ियों को निजी स्टाफ, जैसे कि मैनेजर, शेफ, असिस्टेंट या सिक्योरिटी गार्ड्स, साथ ले जाने की अनुमति केवल BCCI की मंजूरी के बाद ही मिलेगी। यह फैसला टीम के माहौल को व्यवस्थित बनाए रखने और खिलाड़ियों के बीच समानता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
IPL पर भी पड़ सकता है असर
अगर कोई खिलाड़ी इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो BCCI उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है। इसमें IPL से बाहर करने जैसी सख्त सजा भी शामिल हो सकती है। इसके अलावा, केंद्रीय अनुबंध की राशि में कटौती या मैच फीस में कमी करने का भी फैसला लिया जा सकता है।
किसी भी अपवाद या विशेष अनुमति के लिए चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर और मुख्य कोच गौतम गंभीर की मंजूरी लेनी होगी। BCCI ने साफ कर दिया है कि इन नियमों का मकसद टीम का प्रदर्शन सुधारना और खिलाड़ियों के बीच अनुशासन को बढ़ावा देना है। अब देखना यह होगा कि खिलाड़ी इन नए नियमों के साथ किस तरह तालमेल बैठाते हैं।