
भारतीय क्रिकेट टीम के युवा तेज़ गेंदबाज़ हर्षित राणा ने हाल ही में अपने करियर की शुरुआत, मानसिक संघर्ष और टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम के माहौल को लेकर कई अहम बातें साझा कीं। रणवीर अलाहबादिया के पॉडकास्ट में बात करते हुए हर्षित ने उस दौर को याद किया जब उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मौका नहीं मिला था और टीम से बाहर कर दिया गया था। हर्षित राणा को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया था, लेकिन दूसरे टेस्ट से पहले ही उन्हें रिलीज कर दिया गया। इस अनुभव ने उनके मानसिक संतुलन को झकझोर कर रख दिया।
टेस्ट सीरीज काफी लंबी होती है और अगर आप पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते, तो अगली कुछ मैचों से ड्रॉप कर दिए जाते हैं। ऐसे में मानसिक तौर पर खुद को संभालना बहुत मुश्किल होता है। उनका कहना है कि इस तरह की परिस्थितियाँ खिलाड़ी के आत्मविश्वास को प्रभावित करती हैं, लेकिन फिर भी मैदान पर लगातार अभ्यास करते रहना ज़रूरी होता है। हर्षित ने टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम को लेकर भी खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि वहाँ का माहौल काफी सकारात्मक होता है और सीनियर खिलाड़ी लगातार हौसला बढ़ाते रहते हैं। "टीम के सभी लोग सपोर्ट करते हैं। वो कहते हैं कि भले ही चीज़ें आपके पक्ष में न जा रही हों, लेकिन आपको मेहनत करते रहना चाहिए। क्रिकेट ही आपका दिल है और उसी से आपको असली खुशी मिलेगी।
हर्षित राणा ने अब तक भारत की ओर से दो टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने चार विकेट हासिल किए हैं। उनके टेस्ट करियर का औसत 50.75 का रहा है।इसके अलावा वे एक टी20 और पांच वनडे मुकाबले भी खेल चुके हैं। टी20 में उन्होंने 11 के औसत से तीन विकेट लिए, जबकि वनडे में उनका प्रदर्शन कहीं अधिक प्रभावी रहा है 20.70 के औसत से 10 विकेट। फिलहाल हर्षित राणा की नजरें एशिया कप 2025 पर टिकी हैं, जिसकी शुरुआत 9 सितंबर से होने जा रही है। तेज़ गेंदबाज़ उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें इस बार भारतीय टीम में जगह मिले और वे अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीत सकें। उनके अनुसार यह टूर्नामेंट उनके करियर के लिए एक बड़ा मौका साबित हो सकता है।