Harshit Rana Career: Harshit Rana भारत के दाएँ हाथ के तेज़ गेंदबाज़ हैं। जिन्होंने IPL में अपने शुरुआती प्रदर्शन के दम पर ध्यान आकर्षित किया। उनकी स्किल मुख्य रूप से नई गेंद से स्विंग, बैक-ऑफ़-लेंथ गेंदों में उछाल पैदा करने की क्षमता और टी20 फॉर्मेट में तेज़ी से विकेट लेने पर आधारित है। IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स द्वारा चुने जाने के बाद उन्होंने सीमित मैचों में प्रभाव दिखाया।
Harshit Rana Career: Rana की Journey
दिल्ली के क्लब और स्कूल-स्तरीय क्रिकेट से शुरुआत करते हुए Harshit Rana ने बॉल पर अपनी नैचुरल पेस और आक्रामकता से कोचों का ध्यान आकर्षित किया। उम्र-समूह क्रिकेट में लगातार प्रभावी प्रदर्शन ने उन्हें घरेलू स्तर पर अवसर दिलाए, जहाँ उन्होंने अपने खेल को और निखारा। उनकी गति और बाउंसर की क्षमता ने IPL ट्रायल्स में KKR मैनेजमेंट का ध्यान खींचा और वहीं से उनकी प्रोफेशनल यात्रा की दिशा बदल गई। 2022 में IPL डेब्यू मिला और फिर वह धीरे-धीरे KKR की गेंदबाज़ी का एक अहम हिस्सा बनते गए और 2024 में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भी डेब्यू किया फिर उन्हें 2025 में T20i और ODI में डेब्यू करने का मौका मिला।
Harshit Rana Career: International performance
टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 2 टेस्ट खेले और 4 विकेट झटके, जिसमें उनका बेस्ट स्पैल 3/48 रहा। हालांकि टेस्ट स्तर पर उनका औसत (50.75) बताता है कि उन्हें अभी लंबी फॉर्मेट की मांगों के मुताबिक खुद को ढालना है। हर्षित राणा का ODI प्रदर्शन प्रभावशाली रहा , उन्होंने 10 मैचों में 20 विकेट, औसत लगभग 23 और बेस्ट स्पैल 4/39 । T20I में उन्होंने 5 मैचों में 5 विकेट लिए हैं, BEST 3/33। हालांकि टी20 में उनका पर्दर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा ,लेकिन गंभीर के द्वारा उन्हें मौके मिलते रहे।
Harshit Rana को चुनने का विवाद
Gautam Gambhir द्वारा Harshit Rana को लगातार समर्थन देना क्रिकेट जगत में सबसे ज़्यादा बहस का मुद्दा रहा है। Gautam Gambhir ने कई बार अनुभव को पीछे छोड़कर सिर्फ़ संभावनाओं पर दांव लगाया, जबकि टीम को प्रभाव डालने वाले खिलाड़ियों की जरूरत थी।
इंटरनेशनल क्रिकेट जैसे बड़े मंच पर जहाँ हर मैच का दबाव अलग होता है, वहाँ Harshit Rana जैसे Young Palyer को बार-बार प्रमोट करने पर सवाल उठे। कई Experts का मानना है कि गंभीर ने राणा की क्षमताओं को लेकर ज़रूरत से ज़्यादा भरोसा दिखाया, जबकि कई बार राणा की लाइन-लेंथ और डेथ ओवर की कमजोरी टीम को महंगी पड़ी।इसके अलावा, Gautam Gambhir पर यह भी आरोप लगा कि वे अपनी पसंद के खिलाड़ी को बिना स्थिरता दिखाए बार-बार मौके देते रहे, जिससे टीम के अंदर सिलेक्शन की ट्रांसपेरेंसी पर भी असर पड़ता है।
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