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‘खुद को मालिक न समझें….’, Harsha Bhogle ने लगाई Gautam Gambhir को लताड़

By Anjali Maikhuri

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Harsha Bhogle tips for Gambhir

Harsha Bhogle tips for Gambhir: भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच Gautam Gambhir का माहौल अभी कुछ अलग और चुनौतीपूर्ण है। आलोचना हो रही है, ट्रोलिंग हो रही है, और हर निर्णय पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे समय में, मशहूर कमेंटेटर Harsha Bhogle ने Gambhir को कुछ बेहद महत्वपूर्ण सलाह दी है।

Harsha Bhogle tips for Gambhir
Harsha Bhogle tips for Gambhir

सबसे पहले Harsha Bhogle ने यह साफ कहा: “मुझे उम्मीद है गौतम गंभीर खुद को यह न समझें कि मैं टीम चला रहा हूँ।” इसका मतलब यह है कि यह कोई ऑफिस या कंपनी नहीं है, जहाँ कोच CEO बनकर सब कुछ नियंत्रित करें। यह एक क्रिकेट टीम है, जहाँ खिलाड़ियों को स्पेस, समर्थन और भरोसा चाहिए।

Bhogle का कहना है कि गंभीर की energy आलोचकों से लड़ने में नहीं, बल्कि खिलाड़ियों को बेहतर बनाने में लगनी चाहिए। चाहे Shubman Gill हों या अन्य युवा खिलाड़ी, उन्हें Confidence चाहिए, दबाव नहीं। कोच का काम खिलाड़ियों को मजबूत बनाना है, न कि हर बाहरी आलोचना का जवाब देना। यही वह मुख्य संदेश है जो हरशा भोगले ने गंभीर तक पहुँचाया।

Harsha Bhogle tips for Gambhir: Positve माहौल और पीछे रहकर मार्गदर्शन: टीम का असली मंत्र

Harsha Bhogle
Harsha Bhogle

Harsha Bhogle ने एक और अहम बात कही कि टीम का माहौल शांत और Positve होना चाहिए। अगर ड्रेसिंग रूम तनावपूर्ण होगा, तो खिलाड़ी पूरी तरह से खेल नहीं पाएंगे। शांत और सहयोगी माहौल में ही खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सकते हैं। कोच का काम है वह Enviroment बनाना, जिससे खिलाड़ी खुलकर खेल सकें।

भोगले ने गंभीर को यह भी बताया कि अब हर लड़ाई लड़ने की ज़रूरत नहीं है। खिलाड़ी के रूप में गंभीर ने पहले ही यह सब कर लिया है दबाव में रन बनाना, टीम के लिए संघर्ष करना और आलोचकों को मैदान पर जवाब देना। अब भूमिका बदल गई है। अब ज़रूरत है पीछे रहकर मार्गदर्शन देने की, न कि हर चीज़ खुद पर लेने की।

Harsha Bhogle tips for Gambhir: TV Anchor का Example देकर “समझाई पूरी बात

Gautam Gambhir
Gautam Gambhir

एक सरल उदाहरण भी भोगले ने दिया जैसे TV Anchor होते हैं। सबसे अच्छे एंकर खुद स्पॉटलाइट में नहीं आते, वे Guest को चमकने देते हैं। वैसे ही कोच को भी थोड़ा पीछे रहना चाहिए, ताकि खिलाड़ी आगे आ सकें। यह सिर्फ रणनीति नहीं, बल्कि नेतृत्व की सीख है।

आखिर में, हरशा भोगले ने गंभीर की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि गंभीर का जोश और भारत के लिए प्यार साफ दिखाई देता है। दबाव के समय उनके साथ रहना हमेशा सहारा देता है, बिल्कुल वैसे ही जैसे 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में था। संदेश साफ है जोश वही रहे, पर दृष्टिकोण थोड़ा बदले। अगर गंभीर अपनी energy खिलाड़ियों को बढ़ाने में लगाएँ, तो भारतीय क्रिकेट का future और मजबूत होगा।

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