‘तीन साल दो, बदलाव दिखाऊंगा’ Pakistan Cricket को संभालने को तैयार Shoaib Akhtar

By Anjali Maikhuri

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Asia Cup 2025 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खराब प्रदर्शन को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं। खासकर भारत के खिलाफ लगातार दो मैच हारने के बाद टीम की रणनीति और खिलाड़ियों के चयन पर बहस तेज हो गई है। इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ Shoaib Akhtar ने कहा कि अगर उन्हें मौका दिया जाए, तो वो इस टीम को एक बेहतर दिशा में ले जा सकते हैं।

एक टीवी शो ‘Game On Hai’ के दौरान शोएब मलिक ने अख्तर से पूछा कि अगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड उन्हें जिम्मेदारी दे, तो क्या वो इसे संभालेंगे? इस पर अख्तर ने साफ कहा, “PCB कभी मुझसे ये नहीं कहेगा क्योंकि मैं वही करूंगा जो सही है। मैं पावर की बात नहीं करता। मैं टीमवर्क में विश्वास रखता हूं। मैं ऐसा नहीं हूं कि कहूं, ‘मुझे सब कंट्रोल दो, मैं सब ठीक कर दूंगा।’ मैं एक 20 लोगों की सेलेक्शन कमेटी बनाऊंगा और सबसे सलाह लूंगा कि आप लोग क्या सोचते हो।”

पाकिस्तानी खिलाड़ियों को चाहिए आत्मविश्वास और समर्थन

अख्तर ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पाकिस्तान के खिलाड़ी दबाव में आकर खेलते हैं और उन्हें वैसा सपोर्ट नहीं मिलता जैसा भारतीय खिलाड़ियों को मिलता है। उन्होंने भारत के युवा बल्लेबाज़ अभिषेक शर्मा और पाकिस्तान के साइम अयूब की तुलना करते हुए कहा कि साइम में टैलेंट है, लेकिन वो डरे हुए लगते हैं।

“साइम अयूब को आत्मविश्वास देना पड़ेगा। मैं कहूंगा, ‘बेटा, तू पूरे साल खेलेगा, एक-दो बार फेल हुआ तो कोई बात नहीं। तू बस अपना खेल दिखा।’ जैसे भारत में अभिषेक शर्मा को खुलकर खेलने दिया जाता है, वैसे ही साइम को भी आज़ादी मिलनी चाहिए। दबाव वाले मैच में रन बनाने की ज़रूरत है। PSL में रन बनाना अलग बात है, लेकिन असली खेल तो बड़ी टीमों के खिलाफ होता है।”

अगर तीन साल मिले, तो कर सकता हूं बदलाव

अख्तर का मानना है कि अगर उन्हें तीन साल का समय और पूरा सपोर्ट मिले, तो वो पाकिस्तान क्रिकेट का चेहरा बदल सकते हैं। उन्होंने कहा, “अगर मुझे तीन साल दिए जाएं और टीम की कमान दी जाए, तो मैं हर खिलाड़ी को भरोसा दूंगा। बच्चों को ये यकीन दिलाया जाएगा कि अगर वो फेल भी हो जाएं, तो उन्हें हटाया नहीं जाएगा। इसी आत्मविश्वास की कमी की वजह से हमारी टीम दबाव में आकर टूट जाती है।”

अख्तर ने ये भी साफ किया कि उनके पास अभी छोटे बच्चे हैं, इसलिए वो लंबे समय के लिए किसी जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन अगर मौका मिला और शर्तें सही रहीं, तो वो जरूर बदलाव लाने की कोशिश करेंगे।

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