टीम इंडिया एक नए दौर में कदम रख रही है। विराट कोहली और रोहित शर्मा के रिटायरमेंट के बाद भारत अब पहली बार किसी टेस्ट सीरीज़ में बिना इन दोनों दिग्गजों के खेलने उतरेगा। ये सीरीज़ इंग्लैंड के खिलाफ है और 20 जून से लीड्स के मैदान पर शुरू हो रही है।पूर्व इंग्लिश तेज़ गेंदबाज़ स्टीव हार्मिसन का मानना है कि कोहली और रोहित की गैरमौजूदगी इंग्लैंड को मानसिक बढ़त देती है। उनके अनुसार, भले ही ये दोनों खिलाड़ी पहले जैसे फॉर्म में न रहे हों, लेकिन सिर्फ टीम शीट में उनका नाम भी विरोधी टीम के लिए भारी पड़ता था।उन्होंने कहा, “जब बड़े खिलाड़ी टीम में नहीं होते, तो बाकी खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेनी होती है। ऐसे में ड्रेसिंग रूम थोड़ा हल्का भी लगता है, क्योंकि अब कोई और रन बनाएगा, ये सोचकर खिलाड़ी खुद पर भरोसा करना शुरू करते हैं।”
अब भारतीय टीम में शुभमन गिल कप्तानी कर रहे हैं। उनके साथ यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ी हैं। वहीं, सीनियर अनुभव के तौर पर रवींद्र जडेजा, केएल राहुल और जसप्रीत बुमराह मौजूद हैं।हैरी ब्रुक, ओली पोप और जैमी स्मिथ जैसे युवा जोश से भरे खिलाड़ी हैं। कप्तान बेन स्टोक्स और अनुभवी बल्लेबाज़ जो रूट टीम को मज़बूती देते हैं।इस बार इंग्लैंड में गर्मियों के मौसम में बारिश कम हुई है, खासकर लीड्स में। यह पिच आमतौर पर तेज़ गेंदबाज़ों की मददगार होती है। ऐसे में टॉस जीतकर गेंदबाज़ी करना अच्छा फैसला हो सकता है। हार्मिसन का कहना है कि इंग्लैंड में मौसम और आसमान की हालत पिच से ज्यादा मायने रखती है।उन्होंने समझाया, “यहां गेंदबाज़ों को थोड़ा फुल लेंथ में गेंदबाज़ी करनी चाहिए। अगर बादल हैं, तो गेंद स्विंग करेगी। लेकिन जब सूरज निकलता है, तो वही गेंदबाज़ फ्लैट नज़र आते हैं और पिच बल्लेबाज़ों के लिए आसान हो जाती है।”
हार्मिसन को भरोसा है कि इस सीरीज़ में कोई गेंदबाज़ ही ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज़’ बनेगा। उनका मानना है कि दोनों टीमें आक्रामक बल्लेबाज़ी करेंगी, लेकिन मैच का रुख गेंदबाज़ों के प्रदर्शन पर टिका होगा।उन्होंने कहा, “भारत के पास बुमराह, सिराज, शार्दूल ठाकुर और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाज़ हैं। इंग्लैंड की ओर से वोक्स, कार्स और बशीर अहम भूमिका निभा सकते हैं। जो गेंदबाज़ दबाव झेलेगा और सही लाइन लेंथ रखेगा, वही मैच जिताएगा।”
ये सीरीज़ सिर्फ दो टीमों के बीच मुकाबला नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी की परीक्षा है। कोहली और रोहित जैसे लीजेंड्स की छाया से बाहर निकलकर भारत अब एक नए युग की शुरुआत कर रहा है। देखना होगा कि युवा टीम इस जिम्मेदारी को कैसे निभाती है।