
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ मैथ्यू हेडन को लगता है कि भारत के पास इस बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज़ जीतने का अच्छा मौका है — अगर टीम कुछ खास मैचों में जीत दर्ज कर ले। हाल ही में ICC हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल किए गए हेडन ने कहा कि भारत की युवा टीम इंग्लैंड को उसी की ज़मीन पर कड़ी टक्कर दे सकती है, खासकर अगर वो शुरुआती टेस्ट मैच हेडिंग्ले (लीड्स) और चौथा टेस्ट मैनचेस्टर में जीत जाती है।
हेडन बोले - इंग्लैंड का बॉलिंग अटैक अब उतना मजबूत नहीं
JioHotstar पर बातचीत में हेडन ने इंग्लैंड की गेंदबाज़ी पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “मुझे नहीं लगता कि इंग्लैंड के बॉलर इतने ख़ास हैं। उनकी टीम में कई खिलाड़ी चोटिल हैं और कुछ रिटायर भी हो चुके हैं। ये उनके लिए बड़ी चुनौती होगी।”
हेडन ने खास तौर पर इंग्लैंड के नॉर्दर्न टेस्ट मैचों का ज़िक्र किया और कहा कि वही मैच इस सीरीज़ का रुख तय कर सकते हैं। “जो टेस्ट मैच ऊपर (नॉर्थ) की कंडीशन्स में होंगे, वहां बॉल मूव करेगा। अगर भारत वहां जीत जाता है, तो सीरीज़ का पासा पलट सकता है,” उन्होंने कहा।
इंग्लैंड को झेलनी पड़ रही चोट की मार
इंग्लैंड को सीरीज़ शुरू होने से पहले ही अपने प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ों की चोटों से जूझना पड़ रहा है। मार्क वुड पहले ही शुरुआती तीन टेस्ट से बाहर हो चुके हैं। उनके बाद जोफ्रा आर्चर और गस एटकिंसन भी सीरीज़ की शुरुआत में उपलब्ध नहीं होंगे। ऐसे में इंग्लैंड की बॉलिंग लाइन-अप कमजोर नज़र आ रही है।
भारत के पास भी आसान हालात नहीं
वहीं दूसरी ओर, भारत की टीम भी बदलाव के दौर से गुज़र रही है। कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली की गैरमौजूदगी में शुभमन गिल को टीम की कमान सौंपी गई है। ऐसे में टीम का बैटिंग ऑर्डर अनुभवहीन लग रहा है।
भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर और दीप दासगुप्ता का मानना है कि टीम इंडिया इंग्लैंड को टक्कर जरूर देगी, लेकिन जीत इतनी आसान नहीं होगी। दासगुप्ता ने कहा, “टीम युवा है, कप्तान नया है और बदलाव का दौर चल रहा है। इंग्लैंड को होम कंडीशन का फायदा मिलेगा, लेकिन मुकाबला नज़दीकी होगा। मैं 3-2 से इंग्लैंड को सीरीज़ जीतते देख रहा हूं।”
क्या कर सकता है भारत?
अगर भारत शुरुआती टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करता है, खासकर स्विंग-friendly कंडीशंस में, तो टीम के लिए आगे का रास्ता आसान हो सकता है। गेंदबाज़ों के चोटिल होने से इंग्लैंड की धार थोड़ी कम हुई है और इसका फायदा उठाना भारत के लिए जरूरी होगा।
अब देखना होगा कि गिल की कप्तानी में टीम इंडिया इस चुनौती को कैसे हैंडल करती है और क्या 2007 के बाद पहली बार इंग्लैंड की ज़मीन पर टेस्ट सीरीज़ जीत पाती है या नहीं।