
2022 का जुलाई महीना, जगह थी बर्मिंघम का एजबेस्टन मैदान और मुकाबला था भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ का आखिरी टेस्ट। लेकिन ये सिर्फ एक मैच नहीं था, ये भारत की उम्मीदों, मेहनत और जज़्बातों की पूरी कहानी थी… जो आखिर में टूट गई। आज जब दोबारा भारत और इंग्लैंड की टीमें एजबेस्टन में आमने-सामने हैं, तो उस पुराने ज़ख्म की टीस फिर से उभर आती है। वो मैच जो भारत के नाम लिखा जा सकता था, वो ऐतिहासिक जीत जो इतिहास में दर्ज हो सकती थी, वो जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में पहला टेस्ट जीत…सब कुछ हाथ से निकल गया।
जुलाई 2022 में खेले गए उस टेस्ट में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। ओपनर शुभमन गिल और चेतेश्वर पुजारा जल्दी आउट हो गए। 50 रन के अंदर टॉप ऑर्डर ढह चुका था, 100 से पहले आधी टीम पवेलियन लौट गई थी। तब लगा कि टीम इंडिया की पहली पारी शायद 200 के पार भी न जाए। लेकिन फिर मैदान पर आए ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा और इन दोनों ने मानो मैच की दिशा ही बदल दी। पंत ने तूफानी 145 रन बनाए, जडेजा ने ठोस 104 रन की पारी खेली। निचले क्रम में कप्तान बुमराह ने भी 31 रन जोड़ दिए, और भारत ने पहली पारी में 416 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया।
जब इंग्लैंड बल्लेबाज़ी करने उतरी तो भारतीय गेंदबाजों ने दबाव बनाना शुरू किया। सिराज और बुमराह की तेज़ गेंदबाज़ी ने इंग्लैंड के 10 में से 7 विकेट गिरा दिए। इंग्लैंड पहली पारी में सिर्फ 284 रन बना सकी और भारत को 132 रन की लीड मिल गई। दूसरी पारी में भारत ने फिर से बेहतर प्रदर्शन किया। पुजारा ने 66 रन और पंत ने 57 रन बनाए। पूरी टीम ने 245 रन जोड़े और इंग्लैंड के सामने 378 रनों का टारगेट खड़ा कर दिया। अब तक सब कुछ भारत के हक में था। 378 रनों का पीछा करते हुए इंग्लैंड की टीम पहले कभी सफल नहीं हुई थी। भारत को लग रहा था कि ये मैच अब बस हमारी मुट्ठी में है।
फिर जो हुआ, उसने करोड़ों भारतीय फैंस का दिल तोड़ दिया। इंग्लैंड की तरफ से जो रूट और जॉनी बेयरस्टो मैदान पर डटे और दोनों ने नाबाद शतक जड़ डाले। जैसे-जैसे इंग्लैंड का स्कोर बढ़ता गया, वैसे-वैसे भारत की उम्मीदें ध्वस्त होती चली गईं। बॉलर्स थक चुके थे, फील्डिंग बिखर गई थी और कप्तान बुमराह का चेहरा बता रहा था कि अब सब कुछ हाथ से निकल चुका है। आखिरकार इंग्लैंड ने 378 रन का लक्ष्य हासिल कर इतिहास रच दिया और भारत के हाथ से वो मैच फिसल गया जो उसकी मुट्ठी में था। भारत ने पहली पारी में 400+ का स्कोर खड़ा किया, इंग्लैंड को 132 रन की लीड दी। दूसरी पारी में फिर से बढ़िया बैटिंग की और फिर भी मैच हार गया इस हार ने फैंस को अंदर तक झकझोर दिया। बुमराह की कप्तानी में ये उनका पहला टेस्ट था और वो जीत के इतने करीब आकर भी हार गए। शायद इसीलिए कहा गया "टीम इंडिया उस दिन खून के आंसू रोई थी।"