
भारतीय क्रिकेट टीम इस समय इंग्लैंड के दौरे पर है, जहां शुरुआती तीन में से दो टेस्ट मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि टीम ने एक मैच में जीत दर्ज की और हैरानी की बात ये रही कि उस जीत में जसप्रीत बुमराह मौजूद नहीं थे। बुमराह को उस टेस्ट में आराम दिया गया था। इसके बाद से क्रिकेट फैंस और कुछ विशेषज्ञों के बीच एक सवाल उठने लगा क्या बुमराह की मौजूदगी में टीम इंडिया कम मैच जीतती है? ये सवाल अचानक से नहीं उठा। इसके पीछे कुछ आंकड़े हैं जो पहली नजर में चौंकाने वाले लग सकते हैं।
बुमराह ने 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। तब से अब तक वो कुल 47 टेस्ट मैच खेल चुके हैं। इन 47 मैचों में भारत ने 20 टेस्ट जीते, 23 हारे और 4 ड्रॉ रहे। यानी बुमराह के साथ भारत की जीत प्रतिशत सिर्फ 42.55% रही है। अब अगर बुमराह को छोड़कर देखें तो इस दौरान भारत ने 27 टेस्ट मैच बुमराह के बिना खेले, जिनमें से 19 जीते और सिर्फ 5 हारे। इसका मतलब हुआ कि बुमराह के बिना टीम इंडिया की जीत प्रतिशत 70.37% है। सीधे तौर पर अगर इन आंकड़ों को देखा जाए तो ऐसा लग सकता है कि बुमराह की मौजूदगी में टीम हारती है, जबकि उनके बिना ज्यादा जीतती है। लेकिन यह तस्वीर पूरी सच्चाई नहीं दिखाती।
असल में बुमराह के अधिकतर टेस्ट मैच विदेशों में खेले गए हैं। जैसे इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, न्यूज़ीलैंड आदि। इन जगहों पर जीतना हमेशा से भारत के लिए चुनौती रहा है। बुमराह ने जो 47 टेस्ट खेले हैं, उनमें से 35 टेस्ट एशिया से बाहर खेले गए हैं। इन कठिन परिस्थितियों में टीम को हार का सामना ज्यादा करना पड़ा है, भले ही बुमराह ने व्यक्तिगत तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया हो। दूसरी तरफ, उनके बिना जो 27 टेस्ट खेले गए हैं, उनमें से ज्यादातर भारत में ही खेले गए हैं, जहां स्पिन गेंदबाजों का बोलबाला होता है। घरेलू परिस्थितियों में भारतीय टीम हमेशा से मजबूत रही है, इसलिए जीत के मौके ज्यादा बने। ये नहीं भूलना चाहिए कि बुमराह ने कई बार भारत को अकेले दम पर मुकाबले में बनाए रखा है। चाहे बात 2021 के लॉर्ड्स टेस्ट की हो या 2024 में पर्थ टेस्ट की, बुमराह का प्रदर्शन शानदार रहा है। इंग्लैंड के खिलाफ पहले और तीसरे टेस्ट में भी उन्होंने 5-5 विकेट लिए, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। ऐसे में ये कहना गलत होगा कि उनकी वजह से टीम हारती है।