बर्मिंघम में खेली गई वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लेजेंड्स का फाइनल मुकाबला काफी रोमांचक रहा। इस मैच में दक्षिण अफ्रीका चैंपियंस ने पाकिस्तान चैंपियंस को नौ विकेट से हराकर खिताब जीत लिया। जीत के हीरो रहे एबी डी विलियर्स, जिन्होंने सिर्फ 60 गेंदों में नाबाद 120 रन बनाए और टीम को पहली बार यह खिताब जिताया।
पाकिस्तान चैंपियंस पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर रहे थे और ग्रुप स्टेज में सबसे ऊपर रहे। उन्हें सेमीफाइनल में भारत से भिड़ना था, लेकिन भारत ने इस मैच को खेलने से मना कर दिया। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के कारण भारतीय टीम ने मैदान में उतरने का फैसला नहीं किया। इस वजह से पाकिस्तान को बिना मैच खेले फाइनल में एंट्री मिल गई।
दूसरी तरफ, दक्षिण अफ्रीका चैंपियंस ने ग्रुप स्टेज में दूसरा स्थान हासिल किया और सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना किया। यह मुकाबला बहुत ही करीबी रहा, जहां दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ एक रन से हरा दिया। इस जीत ने उनका आत्मविश्वास और बढ़ा दिया।
फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया। उनकी शुरुआत काफी तेज रही, खासकर शारजील खान ने शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए 44 गेंदों में 76 रन बनाए। वहीं उमर अमीन ने भी 19 गेंदों में नाबाद 36 रन जोड़े। इन दोनों की मदद से पाकिस्तान की टीम ने 20 ओवर में 195 रन बनाए और पांच विकेट गंवाए।
दक्षिण अफ्रीका की ओर से वेन पार्नेल और हार्डस विल्जोएन ने दो-दो विकेट लिए। इन दोनों गेंदबाज़ों ने मैच के अहम समय पर विकेट लेकर पाकिस्तान को पूरी तरह खुलकर खेलने से रोका।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम की शुरुआत जबरदस्त रही। ओपनिंग से ही उन्होंने रन रेट तेज रखा और एक भी मौका पाकिस्तान को वापसी का नहीं दिया। एबी डी विलियर्स ने तो मानो फैसला कर लिया था कि इस खिताब को अपने नाम करना है। उन्होंने हर दिशा में शॉट लगाए और गेंदबाज़ों को कोई मौका नहीं दिया। उनकी पारी इतनी खास थी कि उन्होंने अकेले ही टीम को जीत दिला दी।
एबी डी विलियर्स की बल्लेबाज़ी ने दिखा दिया कि क्यों उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ों में गिना जाता है। उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ खेला और कोई जल्दबाज़ी नहीं की। उनकी पारी में छक्के और चौकों की भरमार थी, लेकिन साथ ही तकनीक और संयम भी साफ नज़र आया।
जहां एक ओर दक्षिण अफ्रीका की जीत की चर्चा हुई, वहीं भारत के पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल न खेलने का मुद्दा भी लोगों के बीच चर्चा का विषय रहा। कई लोगों ने इसे सही बताया तो कुछ ने अफसोस जताया कि उन्हें इतना बड़ा मुकाबला देखने को नहीं मिला।
पाकिस्तान की टीम ने फाइनल में बढ़िया स्कोर खड़ा किया, लेकिन उनके गेंदबाज़ मुकाबले में उतरते ही दबाव में आ गए। डी विलियर्स की पारी ने उन्हें कोई मौका ही नहीं दिया।
इस पूरे टूर्नामेंट में दर्शकों को काफी रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। पुराने दिग्गज खिलाड़ियों को एक बार फिर मैदान में खेलते देखना फैंस के लिए खास अनुभव रहा। दक्षिण अफ्रीका के लिए यह जीत बहुत मायने रखती है, क्योंकि यह उनकी पहली वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लेजेंड्स ट्रॉफी है।
ये मुकाबला केवल एक जीत नहीं था, बल्कि इसमें जुनून, रणनीति और अनुभव का बेहतरीन मेल देखने को मिला। एबी डी विलियर्स की पारी आने वाले समय में भी याद की जाएगी। इस जीत ने दिखा दिया कि उम्र चाहे जो भी हो, अगर जज्बा हो तो खिलाड़ी कभी बूढ़ा नहीं होता।