IND vs AUS : मेलबर्न टेस्ट में टीम इंडिया के साथ हुई चीटिंग, बीच स्टेडियम में लगे चीटर चीटर के नारे

By Ravi Kumar

Published on:

मेलबर्न में टीम इंडिया के साथ फिर हुई चीटिंग, ऑस्ट्रेलिया और भारतीय फैंस के बीच स्टेडियम के बीच चल रही है जुबानी जंग। बीच स्टेडियम में भारतीय फैंस ऑस्ट्रेलियाई फैंस को बोलने लगे चीटर, चीटर। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच मेलबर्न टेस्ट के आखिरी दिन भारतीय टीम के बल्लेबाज मैच बचाने की कवायद में जुटे हुए हैं। भारतीय टीम को जब आज सुबह 340 रन का लक्ष्य मिला था तो सबको लगा की भारत इस मैच को जीतने के लिए खेलेगा। लेकिन शुरुआत में ही भारत को 3 बड़े झटके लगे जिसके बाद भारत ने शटर डाउन करने का ही प्रयास किया।

जीत के बाद जश्न मनाते ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी

बीच में एक बार फिर जब ऋषभ पंत और यशस्वी ने उम्मीद जगाने की कोशिश की तो पंत बाउंड्री पर कैच आउट हो गए। जिसके बाद पूरी तरह से भारतीय टीम को शटर डाउन करने पड़े। लेकिन इस मैच में सबसे बड़ा वाक्य तब हुआ यशस्वी जायसवाल को अंपायर ने गलत आउट दे दिया। जिसके बाद पूरे स्टेडियम में भारतीय फैंस चीटर, चीटर के नारे लगाने लगे, भारतीय फैंस ने पोस्टर क्राई ऑसी, शेम और चीटर जैसे पोस्टर निकाल लिए।

यशस्वी जायसवाल कंट्रोवर्सिअल डिसिशन

दरअसल यशस्वी जायसवाल 84 रन बनाकर भारतीय टीम के मैच ड्रा की उम्मीदों को बनाए हुए थे। लेकिन पारी के 71वें ओवर में पैट कमिंस की एक शार्ट बॉल पर पुल करने के प्रयास में वह विकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच दे बैठे। लेकिन ग्राउंड अंपायर ने नॉटआउट करार दिया। जिसके बाद पैट कमिंस ने रिव्यु लिया। थर्ड अंपायर शर्फुद्दौला इब्ने शाहिद ने लेकिन जायसवाल आउट दे दिया जबकि अल्ट्रा एज में साफ़ देखा जा सकता था कि गेंद और बल्ले का संपर्क नहीं हुआ था।

यशस्वी जायसवाल कंट्रोवर्सिअल डिसिशन

लेकिन थर्ड अंपायर ने लाइव पिक्चर का सहारा लिया जहां उसमें गेंद उस जगह से अपनी लाइन बदल रही थी जहां गेंद और बल्ले का संपर्क सबसे करीब था। इसके बाद आकाशदीप के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। और वहां भी स्निको मीटर गलत दिखाई दिया। गेंद आकाशदीप के पैड पर लगकर ट्रेविस हेड के हाथ में चली गई थी जिसके बाद फिर स्निको का सहारा लिया अंपायर ने फैसला बदलते हुए आकाशदीप को आउट करार दिया। जायसवाल के डिसिशन पर सुनील गावस्कर, इरफ़ान पठान जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी भड़कते हुए नज़र आये। उन्होंने कहा कि ऐसे तकनीक का क्या फायदा जो सही से डिसिशन ना डे पाए और अंपायर ऐसे अपना फैसला नहीं बड़ा सकते। तकनीक होने के बावजूद अंपायर अपना फैसला कैसे बदल सकते हैं। इससे पहले केएल राहुल के साथ भी पर्थ टेस्ट के दौरान गलत डिसिशन दिया गया था।