बहिष्कार की धमकी से पीछे हटते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने आईसीसी से कहा है कि वह अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी के लिए ‘हाइब्रिड मॉडल’ को स्वीकार करने को तैयार है लेकिन विश्व संस्था को 2031 तक भारत में होने वाले टूर्नामेंट के लिए भी यही व्यवस्था अपनाने की अनुमति देनी होगी।
कराची में पीसीबी के एक सूत्र ने जो कुछ बताया, उसकी पुष्टि दुबई में पीसीबी के प्रमुख मोहसिन नकवी ने भी कुछ घंटों बाद की। टूर्नामेंट फरवरी-मार्च में होना है और भारत ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया है। नकवी ने पत्रकारों से कहा,
‘‘मैं इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि इससे चीजें बिगड़ सकती हैं। हमने अपना दृष्टिकोण (आईसीसी को) बता दिया है, भारतीयों ने भी अपना दृष्टिकोण बता दिया है। प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि सभी के लिए फायदा हो।’’ ‘‘क्रिकेट को जीतना चाहिए, यह सबसे महत्वपूर्ण है। लेकिन सभी के सम्मान के साथ। हम वही करेंगे जो क्रिकेट के लिए सबसे अच्छा होगा। हम जो भी फॉर्मूला अपनाएंगे, वह समान शर्तों पर होगा।’’ ‘‘पाकिस्तान का गौरव सबसे महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिकेट जीते लेकिन पाकिस्तान का गौरव भी बरकरार रहे। ’’
PCB Chairman Mohsin Naqvi’s media talk in Dubai. pic.twitter.com/ctla8awqww
— PCB Media (@TheRealPCBMedia) November 30, 2024
पीसीबी ने पहले टूर्नामेंट के बहिष्कार की धमकी दी थी जिससे यह प्रस्ताव थोड़ा नरमी भरा है। उसने कहा था कि अगर उसे मेजबानी के पूर्ण अधिकार नहीं दिये गये और भारत की तटस्थ स्थल की मांग स्वीकार कर ली गई तो वह टूर्नामेंट का बहिष्कार करेगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान अब इस व्यवस्था के लिए राजी हो गया है तो नकवी ने जवाब दिया, ‘‘देखते हैं क्या होता है।’’ “उन्होंने कहा,
‘‘मेरा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि कोई एकतरफा व्यवस्था नहीं हो। ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम भारत जाएं और वे हमारे देश में नहीं आएं। विचार यह है कि इसे हमेशा के लिए समान शर्तों पर सुलझा लिया जाए।’’
कराची में पीसीबी के एक शीर्ष सूत्र ने पीटीआई को बताया कि बोर्ड इस ‘हाइब्रिड मॉडल’ पर सहमत होने के लिए सालाना राजस्व चक्र में ज्यादा हिस्सेदारी की मांग भी कर रहा है। सुरक्षा चिंताओं के कारण भारत इस ‘हाइब्रिड मॉडल’ में अपने मैच दुबई में खेलेगा जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबला भी शामिल है। चैंपियंस ट्रॉफी फरवरी-मार्च में होनी है।
पीसीबी सूत्र ने इससे पहले पीटीआई को बताया, ‘‘मौजूदा स्थिति यह है कि पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने कहा है कि वह ‘हाइब्रिड मॉडल’ पर चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी तभी स्वीकार करेगा जब बोर्ड इस बात पर सहमत हो कि भविष्य में सभी आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) टूर्नामेंट इसी प्रणाली के आधार पर होंगे और पाकिस्तान अपने मैच खेलने के लिए भारत नहीं जाएगा। ’’ सूत्र ने कहा,
पाकिस्तान यह भी चाहता है कि आईसीसी बोर्ड राजस्व में वित्तीय चक्र में उसके हिस्से को 5.75 प्रतिशत से बढ़ा दे और नकवी इस पर अड़े हुए हैं लेकिन उन्होंने मेजबानी के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं मांगा है।
भारत को 2031 तक भारत को आईसीसी के तीन पुरुष टूर्नामेंट की मेजबानी करनी है जिसमें श्रीलंका के साथ मिलकर 2026 टी20 विश्व कप, 2029 चैंपियंस ट्रॉफी तथा बांग्लादेश के साथ मिलकर 2031 वनडे विश्व कप का आयोजन किया जायेगा। यह देखते हुए कि बांग्लादेश और श्रीलंका मुख्य टूर्नामेंट के दो सह-मेजबान हैं और अगर वे भी इसके खिलाफ जोर देते हैं तो पाकिस्तान को भारत की यात्रा करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। विवाद का मुद्दा सिर्फ 2029 चैंपियंस ट्रॉफी हो सकता है जो पूरी तरह से भारत में आयोजित की जाएगी।
एक और विवाद अगले साल अक्टूबर में होने वाला महिला वनडे विश्व कप हो सकता है जो भारत में ही आयोजित किया जाएगा।
अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर अनिश्चितता की स्थिति अब अगले कुछ दिनों में सुलझने की उम्मीद है क्योंकि अब आईसीसी कार्यकारी बोर्ड पाकिस्तान की नयी मांगों पर विचार करेगा। आईसीसी बोर्ड ने शुक्रवार को समाधान खोजने के लिए संक्षिप्त बैठक की थी लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका।
नकवी के अपने देश के अड़ियल रूख पर अडिग रहने के बाद विश्व संस्था ने अंत में पीसीबी को कहा कि या तो वह ‘हाइब्रिड मॉडल’ में खेलने के लिए तैयार रहे या फिर टूर्नामेंट से बाहर होने के लिए तैयार रहे। इस स्थिति के कारण टूर्नामेंट के कार्यक्रम की घोषणा में देरी हुई है।
नकवी अपने देश के गृह मंत्री भी हैं। पीसीबी अगर किसी फायदे के बिना पीछे हटता है तो उन्हें सार्वजनिक रूप से आलोचना का सामना करना पड़ सकता है। इससे पहले नकवी ने दुबई में अमीरात क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख मुबाशिर उस्मानी से भी मुलाकात की जिसमें उन्होंने बताया कि पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी के लिए तैयार है और सभी तैयारियां तय समय पर चल रही हैं। हालांकि पीसीबी के सूत्र ने इस अटकल को खारिज कर दिया कि भारत की मांगों को स्वीकार करने के लिए बोर्ड को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए 60 लाख डॉलर की मेजबानी फीस के अलावा दो करोड़ अमेरिकी डॉलर का बोनस मिलेगा।
उन्होंने कहा,
पाकिस्तान ने केवल एक ही रुख अपनाया है और वह भविष्य में भारत में किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में नहीं खेलेगा और भविष्य में होने वाले सभी आईसीसी टूर्नामेंट के लिए हाइब्रिड मॉडल लागू किया जाना चाहिए जिसमें पाकिस्तान और भारत अपने मैच तटस्थ स्थानों पर खेलेंगे।