
टीम इंडिया जल्द ही इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने वाली है। इस अहम टूर से पहले भारत के पूर्व बॉलिंग कोच भरत अरुण ने भारतीय गेंदबाज़ों को एक खास सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अगर टीम को इंग्लैंड में जीत हासिल करनी है तो तेज़ी से पिचों और कंडीशन्स को समझना और उसके मुताबिक खेलना बेहद जरूरी होगा। साथ ही उन्होंने गेंदबाज़ों से धैर्य रखने की अपील की है।
बुमराह नहीं खेलेंगे पूरी सीरीज
इस बार जसप्रीत बुमराह सिर्फ तीन टेस्ट मैचों में ही हिस्सा लेंगे। ऐसे में बाकी गेंदबाज़ों की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है। बुमराह के अलावा टीम में तीन और पेसर शामिल हैं और दो तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर भी टीम का हिस्सा होंगे।
कुछ गेंदबाज़ पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट खेलेंगे
टीम में मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर जैसे खिलाड़ी पहले भी इंग्लैंड में टेस्ट खेल चुके हैं, लेकिन प्रसिध कृष्णा, अर्शदीप सिंह और नितीश कुमार रेड्डी पहली बार इंग्लैंड में रेड बॉल क्रिकेट खेलेंगे। टीम में तीन स्पिनर्स भी शामिल किए गए हैं - रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव और वॉशिंगटन सुंदर।
अरुण की सीख - लाइन लेंथ और स्विंग पर ध्यान दो
भरत अरुण का कहना है कि इंग्लैंड में गेंदबाज़ों को छोटी-छोटी चीज़ों पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा,
“इंग्लैंड की परिस्थितियों में गेंदबाज़ों को अपनी लय पर भरोसा रखना चाहिए और स्विंग को जल्दी समझना होगा। पिचिंग और लाइन-लेंथ सही रखने पर फोकस करना ज़रूरी है। तेज़ गेंद डालना ही सब कुछ नहीं होता। टीमवर्क और धैर्य से ही सफलता मिलेगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि युवा गेंदबाज़ों में टैलेंट और जुनून है, अगर वो खुद पर भरोसा रखें और चुनौती का आनंद लें तो वो इंग्लैंड को चौंका सकते हैं।
नेहरा भी बोले – कंडीशन्स से तालमेल सबसे जरूरी
पूर्व तेज़ गेंदबाज़ आशीष नेहरा ने भी अरुण की बात से सहमति जताई। उन्होंने कहा,
“इंग्लैंड का दौरा हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन ये मज़ेदार भी होता है। सबसे बड़ी बात है कंडीशन्स के साथ तालमेल बैठाना। मुझे भरोसा है कि हमारे गेंदबाज़ ये कर सकते हैं। हमारे पास अनुभव भी है और संतुलन भी।”
WTC साइकिल की शुरुआत और 2007 वाली उम्मीद
ये टेस्ट सीरीज सिर्फ दो बड़ी टीमों के बीच टक्कर ही नहीं है, बल्कि इससे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का नया चक्र भी शुरू होगा। भारत आखिरी बार 2007 में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीता था। अब 17 साल बाद एक बार फिर मौका है कि टीम इंडिया उस इतिहास को दोहराए और विदेशी धरती पर अपनी ताकत साबित करे।
अगर भारतीय गेंदबाज़ जल्दी सीखते हैं और रणनीति पर अमल करते हैं, तो इस बार इंग्लैंड को उनके ही घर में हराना नामुमकिन नहीं है।