
बीसीसीआई ने विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के परिवार को सीमित समय के लिए साथ ले जाने का नियम लागू किया है, जिसका विरोध विराट कोहली ने किया। कोहली का कहना है कि परिवार का साथ खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि यह पॉलिसी टीम की बेहतरी के लिए बनाई गई है और इसमें बदलाव की संभावना पर विचार किया जा सकता है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में एक नया नियम लागू किया था, जिसके तहत विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों को अपने परिवार को साथ ले जाने की अनुमति केवल सीमित समय के लिए दी जाती है। यह फैसला ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज में हार के बाद लिया गया था। इस नियम का विरोध कई खिलाड़ियों ने किया, जिनमें प्रमुख रूप से विराट कोहली का नाम शामिल है।
विराट कोहली ने एक इवेंट के दौरान इस नियम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि खिलाड़ियों के लिए परिवार का साथ रहना मानसिक रूप से लाभकारी होता है। उनकी यह टिप्पणी बीसीसीआई तक पहुंची, जिसके बाद संकेत मिले कि बोर्ड इस नियम में कुछ बदलाव कर सकता है।
बीसीसीआई सचिव की प्रतिक्रिया
अब इस मामले पर बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने क्रिकबज़ से बातचीत करते हुए कहा, "यह पॉलिसी जल्दबाजी में नहीं बनाई गई है। यह दशकों से लागू है और हमारे पूर्व अध्यक्ष रोजर बिन्नी के दौर में भी यह पॉलिसी थी। नई पॉलिसी में खिलाड़ियों के अभ्यास, मैच शेड्यूल, दौरे, लगेज आदि के मामलों में कुछ बदलाव किए गए हैं, ताकि टीम की एकजुटता बनी रहे।"
सैकिया ने आगे कहा, "हम समझते हैं कि कुछ लोग इस पॉलिसी से खुश नहीं हैं और उनकी राय अलग हो सकती है। लेकिन यह निर्णय टीम की बेहतरी के लिए लिया गया है और यह नियम सभी पर समान रूप से लागू होता है।"
अब यह देखना होगा कि बीसीसीआई इस विवाद को लेकर कोई बदलाव करता है या फिर इस पॉलिसी को जैसा है वैसा ही जारी रखता है। विराट कोहली और अन्य खिलाड़ियों की टिप्पणियों के बाद यह मामला और भी दिलचस्प हो गया है। टीम के लिए सबसे अच्छा क्या होगा, यह देखना बाकी है।