20 जून से लीड्स में शुरू होने वाली इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट सीरीज अब नए नाम के साथ खेली जाएगी। इस बार दोनों टीमों के बीच मुकाबला Tendulkar-Anderson ट्रॉफी के लिए होगा। इससे पहले, 2007 से इंग्लैंड में खेली जाने वाली भारत और इंग्लैंड की Bilateral test series का ट्रॉफी नाम Pataudi Trophy था। यह ट्रॉफी पहली बार 2007 में दी गई थी ताकि भारत और इंग्लैंड के पहले टेस्ट मैच के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाया जा सके। वहीं भारत में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज को Anthony de Mello Trophy कहा जाता है, जो BCCI के एक पूर्व अध्यक्ष के नाम पर है।हालांकि इस बदलाव से हर कोई खुश नहीं है। खबर है कि BCCI ने England and Wales Cricket Board (ECB) से कहा है कि वे कोई एक ट्रॉफी का नाम फिर से Pataudi Trophy रखें। BCCI के एक अधिकारी ने एक रिपोर्ट में बताया, “यह तय करना ECB का काम है कि वे अपनी सीरीज का ट्रॉफी किसके नाम पर रखेंगे। क्योंकी यह उनकी घरेलू सीरीज है, इसलिए BCCI का इस पर अधिकार नहीं है। हमने उनसे विनती की है कि वे Pataudi के नाम पर एक ट्रॉफी रखें, अब उनका जवाब आने का इंतजार है।”
मंसूर अली खान पटौदी भारतीय क्रिकेट के सबसे यादगार कप्तानों में से एक थे। उनका 2011 में दिल्ली में निधन हो गया था। पटौदी ने भारत के लिए 46 टेस्ट खेले और 2793 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 203* था। उन्होंने कुल छह शतक और 16 अर्धशतक भी लगाए। उनके पिता, इफ्तिखार अली खान पटौदी, भी भारत की कप्तानी कर चुके हैं।क्रिकेट में ट्रॉफी को रिटायर करना आम बात नहीं है, लेकिन इससे पहले भी ऐसा हुआ है। उदाहरण के लिए, इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज के बीच खेली जाने वाली Wisden Trophy को बदलकर Richards-Botham Trophy नाम दिया गया था।
भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर टेस्ट क्रिकेट के सबसे बड़े रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 200 मैचों में कुल 15,921 रन बनाए। वहीं, इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन टेस्ट क्रिकेट के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं, जिनके नाम 704 विकेट हैं। तेंदुलकर ने 2013 में संन्यास लिया था, जबकि एंडरसन ने 2024 में अपना क्रिकेट करियर खत्म किया।इस फैसले पर पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने ECB की आलोचना की है। उन्होंने Sportstar में लिखा, “ECB द्वारा Pataudi Trophy को रिटायर करना निराशाजनक है। यह पहली बार है जब किसी खिलाड़ी के नाम पर बनी ट्रॉफी को रिटायर किया जा रहा है। यह फैसला ECB का अधिकार है, लेकिन इसने दोनों देशों में पटौदी परिवार के योगदान के प्रति संवेदनशीलता की कमी दिखाई है।”
गावस्कर ने आगे कहा, “अगर नई ट्रॉफी हाल के खिलाड़ियों के नाम पर रखी जाएगी, तो उम्मीद है कि कोई भारतीय खिलाड़ी इसे स्वीकार न करें, ताकि इतिहास दोबारा ना दोहराया जाए।”इस फैसले से शर्मिला टैगोर, जो दिवंगत टाइगर पटौदी की पत्नी हैं, भी नाराज हैं। उन्होंने HT को बताया, “मुझे अभी तक ECB की तरफ से कोई जानकारी नहीं मिली, लेकिन उन्होंने सैफ को पत्र भेजा है कि ट्रॉफी रिटायर हो रही है। BCCI चाहे तो टाइगर की विरासत को याद रख सकता है, यह उनका फैसला है।”