मेलबर्न में भारत ए एक शर्मनाक ऑल आउट से बचा। मैच की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया के कप्तान नाथन मैकस्वीनी टॉस जीत पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। कप्तान के इस निर्णय को ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने सही साबित किया। पहले ही ओवर में गेंदबाज माइकल नेसेर ने अभिमन्यु ईश्वरन को चलता कर दिया। अगले ही गेंद पर साई सुदर्शन भी चलते बने। अगले ओवर में के एल राहुल भी आउट हो गए। तीन ओवर खत्म होते-होते भारतीय टीम अपने कप्तान रुतुराज गायकवाड़ को भी खो चुकी थी। भारतीय टीम का स्कोर 11 रन पर 4 विकेट हो गया था। एक बड़ा कॉलेप्स भारतीय टीम के ऊपर मंडरा रही थी।
तभी बल्लेबाजी करने आए ध्रुव जुरेल ने एक छोर संभाले रखा। ध्रुव ने पहले देवदत्त पड्डिकल के साथ और फिर नितीश कुमार रेड्डी के साथ छोटी-छोटी साझेदारी कर टीम को संभाला। दूसरे छोर से विकेट गिरते गए और भारतीय टीम 161 के स्कोर पर ऑल आउट हो गई। ध्रुव जुरेल ने भारतीय टीम के लिए सबसे अधिक 80 रन बनाए। टीम के स्कोर के करीब आधे रन अकेले ध्रुव जुरेल ने बनाए।
बुरी तरह फ्लॉप हुए भारतीय बल्लेबाज
भारतीय बैटिंग पूरी तरह से एक्सपोज होती हुई दिखी। भारत के 3 बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के सामने खाता तक नहीं खोल सके। 7 बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके। अकेले ध्रुव जुरेल ने भारत के लिए मोर्चा संभाला और रन बनाए। ध्रुव ने अगर 80 रन ना बनाए होते तो भारत के लिए 100 रन का आंकड़ा पार करना भी मुश्किल साबित होता।