मैनचेस्टर टेस्ट में भारत और इंग्लैंड के बीच मुकाबला भले ही ड्रॉ रहा हो, लेकिन इस मैच के बाद टीम इंडिया की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। खासकर यह कि क्या भारत ने ज़्यादा बल्लेबाज़ी गहराई जोड़ने के चक्कर में अपनी गेंदबाज़ी कमज़ोर कर दी?
मैच की पहली पारी में भारतीय गेंदबाज़ जल्दी विकेट नहीं ले पाए और इंग्लैंड ने 669 रनों का बड़ा स्कोर बना दिया। पूरे मैच में सिर्फ 24 विकेट गिरे और भारत किसी तरह मुकाबले को ड्रॉ कराने में सफल रहा। इस नतीजे से भले ही भारत सीरीज़ में बना हुआ है, लेकिन अब शुभमन गिल की कप्तानी में भारत इस सीरीज़ को जीत नहीं सकता, क्योंकि इंग्लैंड 2-1 से आगे है और एक ही मैच बचा है।
इस नतीजे के बाद टीम मैनेजमेंट की सोच पर बहस छिड़ गई है। क्या अगर भारत ने ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों को मौका दिया होता, तो मैच जीतने का बेहतर मौका मिल सकता था? इस पर भारत के अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने खुलकर राय दी।
अपने यूट्यूब चैनल “Ash Ki Baat” पर अश्विन ने कहा कि टेस्ट मैच जीतने के लिए बैटिंग की गहराई से ज़्यादा ज़रूरी है ऐसे बॉलर्स का खेलना जो विकेट निकाल सकें। उन्होंने कहा, “बैटिंग गहराई से आप मैच ड्रॉ कर सकते हैं, लेकिन जीतने के लिए आपको विकेट चाहिए होते हैं।”
अश्विन ने शुभमन गिल की कप्तानी में भी कुछ कमियां बताईं, जैसे वॉशिंगटन सुंदर को काफी देर से लाना। हालांकि उन्होंने गिल की बल्लेबाज़ी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने एक सच्चे लीडर की तरह जिम्मेदारी ली। उन्होंने बताया कि गिल पर सीरीज़ से पहले काफी आलोचना हो रही थी, लेकिन उन्होंने अपने खेल से सभी को जवाब दिया।
बर्मिंघम में गिल की 269 रन की शानदार पारी हो या हेडिंग्ले में उनका योगदान—उन्होंने साबित किया कि वो लंबे समय तक टीम इंडिया की रीढ़ बन सकते हैं। अश्विन ने कहा कि गिल ने इस सीरीज़ में अब तक 722 रन बना लिए हैं और उनका एवरेज 90 से ऊपर चल रहा है, जो एक बेहतरीन प्रदर्शन है।
फिर भी अश्विन का मानना है कि भारत की रणनीति इस सीरीज़ में बहुत साधारण रही है। उन्होंने कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर से अपील की कि अगली बार टीम में एक एक्स्ट्रा स्पेशलिस्ट बॉलर को ज़रूर शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा, “अब समय है सही फैसला लेने का। चाहे आप उस फैसले के बाद भी हार जाएं, लेकिन कम से कम कोशिश तो होनी चाहिए।”
ये बात साफ हो गई है कि अब भारत को जीत हासिल करनी है तो बल्लेबाज़ी की गहराई से ज़्यादा ज़रूरी है धारदार गेंदबाज़ी। वरना मैच सिर्फ बचाए जाते रहेंगे, जीते नहीं जाएंगे।