आईपीएल 2025 जीतने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के कोच एंडी फ्लावर कुछ दिन शांति और आत्म-चिंतन के लिए ऋषिकेश पहुंचे। वहां उन्होंने इंटरनेशनल योग डे के मौके पर परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की। इस मुलाकात में एंडी फ्लावर ने खेल, टीम भावना और ट्रॉफी जीतने की सोच से जुड़ी अपनी समझ शेयर की।एंडी फ्लावर ने बताया कि जब वह स्वामी जी से बात कर रहे थे, तो उनका फोकस सिर्फ जीतने पर नहीं था, बल्कि यह सोचने पर था कि असली संतुष्टि क्या होती है। उन्होंने कहा कि खेल में ट्रॉफी जीतना ज़रूरी तो है, लेकिन यह सब कुछ नहीं होता।
उन्होंने कहा, “हम एक खेल संगठन के रूप में ट्रॉफी जीतने के लिए मेहनत करते हैं, और सारा ध्यान उसी पर होता है। लेकिन मेरे अनुभव से, सिर्फ जीत ही काफी नहीं है। उसके आगे भी कुछ होना चाहिए – कोई गहराई, कोई मतलब, कोई असर जो सिर्फ जीत से बड़ा हो।”एंडी ने कहा कि कई बार जीतने के बाद भी अंदर से खालीपन महसूस होता है। ऐसा लगता है कि कुछ अधूरा रह गया। इसीलिए, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इंसान को पहले खुद के भीतर शांति और संतुलन लाना चाहिए। तभी वह दूसरों पर अच्छा असर डाल सकता है।
उन्होंने स्वामी चिदानंद से इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे एक खिलाड़ी या कोच टीम के बाकी सदस्यों की सोच और ऊर्जा को प्रभावित करता है। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि पहले खुद की स्थिति मजबूत हो।योग दिवस पर अपने अनुभव के बारे में एंडी फ्लावर ने कहा, “पिछले दो हफ्तों से मैं ऋषिकेश में हूं और योग के बारे में बहुत कुछ सीख रहा हूं। मैंने जो सबसे बड़ी बात सीखी, वो ये है कि योग सिर्फ एक घंटे की क्लास नहीं है – यह करोड़ों लोगों के लिए एक जीवनशैली है।”
उन्होंने बताया कि योग के शारीरिक अभ्यास उन्हें बहुत अच्छे लगे, लेकिन उससे भी ज़्यादा उन्हें उस मानसिक और आत्मिक शांति ने आकर्षित किया जो योग से मिलती है।एंडी फ्लावर ने ये भी समझाया कि कैसे योग जैसे अभ्यास, खिलाड़ियों और कोचेस को केवल फिजिकली ही नहीं बल्कि मेंटली भी मज़बूत बनाते हैं। और यही शक्ति उन्हें मैदान पर भी ज्यादा आत्मविश्वासी और संतुलित बनाती है।