भारतीय क्रिकेटर Amit Mishra ने हाल ही में अपने संन्यास की घोषणा की। इस मौके पर उन्होंने अपने क्रिकेट करियर के कुछ उतार-चढ़ाव पर खुलकर बात की। मिश्रा ने बताया कि टीम में सिलेक्शन को लेकर हमेशा एक अनिश्चितता बनी रही, जो कई बार उन्हें परेशान करती थी।
उन्होंने कहा, "कई बार ऐसा होता था कि टीम में शामिल हो जाता था लेकिन प्लेइंग इलेवन में नहीं आता। यह बहुत निराशाजनक होता था और मैं कई बार बहुत फ्रस्ट्रेट भी हुआ," उन्होंने यह बात पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कही।
Amit Mishra ने आगे कहा कि उस समय खुद को मोटिवेट रखना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने हमेशा यह याद रखा कि उनका सपना इंडिया के लिए क्रिकेट खेलना था। उन्होंने कहा, "जब ये सब चीजें परेशान करती थीं, तब मैं सोचता था कि क्या सुधार कर सकता हूं। फिटनेस, बैटिंग या बॉलिंग—हर चीज पर मेहनत करता रहा।"
मेहनत और पॉजिटिव सोच ने बढ़ाया हौसला
Amit Mishra का मानना है कि मेहनत से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर बार जब उन्हें मौका मिला, उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने सफर को लेकर संतुष्टि जताई और कहा कि भारतीय टीम का हिस्सा बनना ही एक बड़ी बात थी।
उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा अपने प्रदर्शन पर ध्यान दिया और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश की। मेहनत से कभी पीछा नहीं छोड़ा और जब भी मौका मिला, अच्छा किया।" इस सोच ने उन्हें हर मुश्किल घड़ी में मजबूत बनाए रखा।
Amit Mishra ने 2003 में भारत के लिए अपना पहला वनडे मैच खेला था और 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने अपने पहले ही मैच में पांच विकेट लेकर सबको चौंका दिया। ये उनके टेस्ट करियर का एकमात्र पांच विकेट हॉल था।
भारतीय टीम में उस समय हरभजन सिंह और अनिल कुंबले जैसे बड़े स्पिनर पहले से मौजूद थे, इसलिए मिश्रा को ज्यादा मौके नहीं मिल सके। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और IPL जैसे बड़े मंच पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे। 2024 तक उन्होंने IPL खेला और अपने अनुभव से टीमों को मजबूती दी।