क्या ICC ने दे दिया Pratika Rawal को Medal, Photo के पीछे की सच्चाई आई सामने

By Anjali Maikhuri

Published on:

Amanjot Kaur viral moment

Amanjot Kaur viral moment: भारतीय ऑलराउंडर Amanjot Kaur कौर इन दिनों Social Media पर चर्चा में हैं। वजह है उनका ऐसा कदम जिसने लाखों लोगों का दिल जीत लिया। प्रधानमंत्री Narendra Modi के आवास पर हुई भारतीय महिला क्रिकेट टीम की मुलाकात के दौरान अमनजोत ने अपना महिला वर्ल्ड कप विजेता मेडल अपनी World Cup के दौरान Injured हुई साथी Pratika Rawal को पहनने के लिए दे दिया।

टीम की फोटोशूट के दौरान सबके गले में मेडल नजर आ रहे थे, लेकिन एक तस्वीर ने सबका ध्यान खींचा उसमें Pratika Rawal के गले में मेडल था, जबकि Amanjot Kaur बिना मेडल के खड़ी थीं। लोगों ने जल्दी ही समझ लिया कि Amanjot ने अपना मेडल उन्हें पहनने के लिए दिया होगा ताकि Pratika Rawal टीम की जीत की उस खास तस्वीर में शामिल हो सके।Social Media पर यह तस्वीरें तेजी से वायरल हुईं, और लोगों ने अमनजोत के इस भावुक कदम की खूब तारीफ की।

Amanjot Kaur viral moment: चोट के कारण मेडल से चूकी Prateeka Rawal

Amanjot Kaur viral moment

ICC के नियमों के अनुसार, वर्ल्ड कप की विजेता टीम के केवल 15 खिलाड़ी ही आधिकारिक रूप से मेडल पाते हैं। शुरुआत में प्रतिका रावल इस 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा थीं, लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ ग्रुप स्टेज मैच में चोट लगने के कारण उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा। उनकी जगह Shefali Verma को टीम में शामिल किया गया, जिन्होंने फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया और प्लेयर ऑफ द मैच भी बनीं।

इसी नियम के चलते प्रतिका को विजेता मेडल नहीं मिल सका। लेकिन जब प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान टीम फोटो ली जा रही थी, तब अमनजोत ने उन्हें अपना मेडल दे दिया ताकि वो उस जीत के पल का हिस्सा महसूस कर सकें।

यह छोटी सी पहल प्रतिका के लिए बहुत मायने रखती थी, क्योंकि उन्होंने पूरे टूर्नामेंट से पहले टीम के लिए अहम योगदान दिया था। उनके बल्ले से मिले रन भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में अहम रहे थे।

Amanjot Kaur viral moment: पहले भी हुआ है क्रिकेट इतिहास में ऐसा किस्सा

Prateeka Rawal

प्रतिका का ये अनुभव नया नहीं है। ऐसा ही एक बार 2003 के Mens World Cup भी हुआ था। उस समय ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी ने अपनी टीम के लिए चार मैच खेले और आठ विकेट झटके थे। लेकिन चोट लगने के बाद उन्हें टूर्नामेंट के बीच में ही बाहर होना पड़ा और नाथन ब्रैकन को टीम में जगह मिली। ऑस्ट्रेलिया के खिताब जीतने के बाद ब्रैकन को मेडल मिला, जबकि गिलेस्पी को नहीं।

कुछ वैसा ही प्रतिका के साथ हुआ। वे वर्ल्ड कप 2025 में शानदार फॉर्म में थीं, लेकिन चोट के कारण आगे नहीं खेल सकीं। जब भारत ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर खिताब जीता, तो प्रतिका स्टैंड्स में बैठी थीं। अपनी टीम को ट्रॉफी उठाते देख उनकी आंखों में खुशी और भावनाओं के आंसू थे।

शैफाली वर्मा, जिन्होंने प्रतिका की जगह ली थी, ने फाइनल में 87 रनों की पारी खेलकर भारत को 298/7 के स्कोर तक पहुंचाया। उनके प्रदर्शन की बदौलत भारत ने अपना ऐतिहासिक खिताब जीता।

अमनजोत कौर का यह कदम बताता है कि खेल सिर्फ जीत-हार तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें आपसी सम्मान भी शामिल है। उन्होंने यह दिखाया कि सच्चा खिलाड़ी वही है जो अपने साथियों की भावनाओं को समझे।

प्रतिका रावल भले ही मैदान पर उस जीत का हिस्सा न बन पाईं, लेकिन अमनजोत की वजह से उन्होंने भी उस ऐतिहासिक पल को महसूस किया। इस घटना ने पूरी दुनिया को यह सिखाया कि असली खिलाड़ी वही होता है जो टीम के हर सदस्य को बराबर सम्मान दे।

Also Read: Shubman Gill में है गजब का Talent, Australia दिग्गज का विश्वास बोले करेगा सभी फॉर्मेट में राज

Exit mobile version