Ajinkya Rahane on selection: रणजी ट्रॉफी 2025-26 के ग्रुप ए मुकाबले में छत्तीसगढ़ के खिलाफ शतक ठोकने के बाद अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर भारतीय चयनकर्ताओं पर निशाना साधा है। रहाणे ने चयन प्रक्रिया, अनुभव की अनदेखी और खिलाड़ियों के साथ संवाद की कमी पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि चयनकर्ता घरेलू क्रिकेट खेलने की बात तो करते हैं, लेकिन जब चयन का वक्त आता है तो वही खिलाड़ियों को नजरअंदाज कर देते हैं।
Ajinkya Rahane on selection: ‘उम्र एक संख्या है’ – रहाणे

37 वर्षीय रहाणे ने मैच के बाद कहा, “उम्र सिर्फ एक संख्या है। अगर आपके पास अनुभव है और आप घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, तो चयनकर्ताओं को उस पर ध्यान देना चाहिए। यह उम्र की नहीं, इरादे और जुनून की बात है खासकर रेड बॉल क्रिकेट में।”
रहाणे ने साफ कहा कि ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के दौरान भारतीय टीम को अनुभव की कमी महसूस हुई। उन्होंने कहा, “इतना क्रिकेट खेलने के बाद जब मेरे जैसे अनुभवी खिलाड़ी को टीम से बाहर किया गया, तो लगा कुछ तो अलग है। मुझे वापसी के बाद और मौके मिलने चाहिए थे, लेकिन कोई बातचीत नहीं हुई। फिर भी मैं अपने खेल का आनंद ले रहा हूं। मुझे लगता है कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में मेरी जरूरत थी और मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार था।”

भारत के लिए 85 टेस्ट मैच खेलने वाले रहाणे ने आखिरी बार 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था। उन्होंने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद टीम में वापसी की थी और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का भी हिस्सा रहे थे।
माइकल हसी का दिया उदाहरण

रहाणे ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा, “देखिए, माइकल हसी ने 30 की उम्र के बाद डेब्यू किया था और फिर भी रन बनाए। रेड बॉल क्रिकेट में अनुभव बहुत मायने रखता है। मैं पिछले चार-पांच सीजन से लगातार घरेलू क्रिकेट खेल रहा हूं। कभी-कभी बात सिर्फ रनों की नहीं होती, बल्कि इरादे और विदेशी हालातों में मिले अनुभव की होती है।”
टीम से लंबे समय से बाहर रहने के बावजूद रहाणे का कहना है कि वे अब भी अपने खेल पर पूरी तरह केंद्रित हैं। उन्होंने कहा “मैं जानता हूं कि मैं कितना अच्छा खिलाड़ी हूं। मुझे बाहर क्या कहा जा रहा है, इससे फर्क नहीं पड़ता। कई लोग बिना समझे बातें करते हैं, लेकिन मैं सिर्फ अपने खेल और मुंबई के लिए अच्छा प्रदर्शन करने पर ध्यान देता हूं।”







