
कैरेबियाई ऑलराउंडर आंद्रे रसेल ने अपने इंटरनेशनल करियर के आखिरी मैच को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने बल्ले से वो आक्रामकता दिखाई, जिसके लिए वो दुनियाभर में मशहूर रहे हैं। लेकिन क्रिकेट एक टीम गेम है, और इसी वजह से रसेल को वो विदाई नहीं मिल सकी, जिसके वे असली हकदार थे। जमैका में खेले गए पांच मैचों की टी20 सीरीज के दूसरे मुकाबले में रसेल ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा। मुकाबला वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच था। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर वेस्टइंडीज को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया। शुरुआत तो अच्छी रही। पहले विकेट के लिए 63 रन की साझेदारी हुई, लेकिन फिर अचानक टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। 98 रन तक पहुंचते-पहुंचते वेस्टइंडीज अपने टॉप के पांच विकेट गंवा चुका था।
इसी मुश्किल वक्त में क्रीज पर आए आंद्रे रसेल। ये उनका विदाई मैच था और वो किसी भी हाल में फीकी पारी नहीं खेलना चाहते थे। नतीजा सिर्फ 15 गेंदों में 36 रन, वो भी 240 की स्ट्राइक रेट से। इस तूफानी पारी में उन्होंने 4 लंबे छक्के भी लगाए और एक बार फिर अपने पुराने रंग में नजर आए। हालांकि वो टीम के टॉप स्कोरर नहीं रहे, लेकिन उनकी पारी सबसे ज्यादा असरदार और तेज रही। रसेल की बदौलत वेस्टइंडीज ने निर्धारित 20 ओवर में 8 विकेट पर 172 रन बनाए।
173 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत लड़खड़ाई जरूर, जब सिर्फ 42 रन के भीतर दोनों ओपनर पवेलियन लौट चुके थे। मगर उसके बाद जोश इंग्लिस और कैमरन ग्रीन ने जिस तरह की साझेदारी निभाई, उसने वेस्टइंडीज की उम्मीदों को पूरी तरह तोड़ दिया। इंग्लिस ने सिर्फ 33 गेंदों पर नाबाद 78 रन बनाए, जिसमें 5 छक्के शामिल थे, जबकि कैमरन ग्रीन ने 32 गेंदों पर नाबाद 56 रन ठोके। इन दोनों की धुआंधार बल्लेबाजी का असर ये हुआ कि ऑस्ट्रेलिया ने 28 गेंद पहले ही लक्ष्य हासिल कर लिया और मैच के साथ-साथ सीरीज में 2-0 की मजबूत बढ़त भी बना ली।