BGT 2024 : यशस्वी जायसवाल के गलत आउट दिए जाने के फैसले पर भड़के राजीव शुक्ला

थर्ड अंपायर के फैसले पर भड़के राजीव शुक्ला, जायसवाल को बताया नॉट आउट
यशस्वी जायसवाल
यशस्वी जायसवाल Source : Social Media
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भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट के अंतिम दिन सोमवार को यशस्वी जायसवाल के विवादास्पद हालात में आउट देने के लिए तीसरे अंपायर सैकत शरफुद्दौला को निशाना बनाया।
जायसवाल जब 84 रन बनाकर खेल रहे थे तब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस की लेग साइड से बाहर जाती गेंद पर हुक शॉट खेलने का प्रयास किया और इसके बाद मेजबान टीम ने कैच की अपील की जबकि विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने गेंद को लपका।

तीसरे अंपायर शरफुद्दौला ने भारतीय बल्लेबाज को आउट दिया
तीसरे अंपायर शरफुद्दौला ने भारतीय बल्लेबाज को आउट दियाSource : Social Media

मैदानी अंपायर जोएल विल्सन ने जायसवाल को आउट नहीं दिया जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने डीआरएस का सहारा लिया और तीसरे अंपायर शरफुद्दौला ने भारतीय बल्लेबाज को आउट दिया जबकि ‘स्निकोमीटर’ पर कोई गतिविधि दर्ज नहीं की गई। शरफुद्दौला ने गेंद के ‘डिफ्लेक्ट’ (दिशा में मामूली बदलाव) होने के आधार पर अपना फैसला दिया। शुक्ला ने ट्वीट किया,

यशस्वी जायसवाल साफ तौर पर नॉट आउट था। तीसरे अंपायर को तकनीकी से मिल रहे सुझाव पर गौर करना चाहिए था। मैदानी अंपायर के फैसले को बदलने के लिए तीसरे अंपायर के पास ठोस कारण होने चाहिए।’’
राजीव शुक्ला
राजीव शुक्लाSource : Social Media

बांग्लादेश के तीसरे अंपायर शरफुद्दौला को इसके बाद आलोचना का सामना करना पड़ा। महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी शरफुद्दौला की उनके विवादास्पद फैसले के लिए आलोचना की जिससे मैच का रुख ऑस्ट्रेलिया की ओर मुड़ गया। जासवाल के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने चौथे टेस्ट के अंतिम सत्र में भारत के बाकी बचे विकेट भी हासिल करके 184 रन की जीत के साथ पांच मैच की श्रृंखला में 2-1 की बढ़त बना ली।
इससे पहले कमेंट्री के दौरान गावस्कर ने तीसरे अंपायर के फैसले की आलोचना की।
गावस्कर ने मेजबान प्रसारक से कहा, 

गेंद की दिशा में मामूली बदलाव ‘दृष्टि भ्रम’ हो सकता है। आपने तकनीक क्यों रखी है? अगर तकनीक है, तो उसका उपयोग करना चाहिए। आप जो देखते हैं उसके आधार पर निर्णय नहीं ले सकते और तकनीक को नजरअंदाज नहीं कर सकते।’’
आईसीसी के एलीट पैनल के पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने हालांकि कहा कि अंपायर ने सही फैसला किया। टॉफेल ने ‘चैनल 7’ को बताया, ‘‘मेरे विचार में निर्णय आउट था। तीसरे अंपायर ने सही निर्णय लिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तकनीक प्रोटोकॉल के साथ भी हम साक्ष्य देखते हैं और अगर अंपायर को लगता है कि बल्ले से लगकर गेंद की दिशा बदली है तो इस तरह मामले को साबित करने के लिए तकनीक के किसी अन्य रूप का उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं है।’’
टॉफेल ने कहा, ‘‘गेंद की दिशा में मामूली बदलाव भी निर्णायक साक्ष्य है। इस विशेष मामले में हमने तीसरे अंपायर से जो देखा है, वह यह है कि उन्होंने तकनीक का इस्तेमाल सहायक के रूप में किया। चाहे जो भी कारण हो इस मामले में ऑडियो (स्निको) में ऐसा नहीं दिखा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आखिर में तीसरे अंपायर ने सही काम किया और स्पष्ट ‘डिफ्लेक्शन’ के आधार पर मैदानी अंपायर के फैसले को पलट दिया। इसलिए मेरे विचार से सही निर्णय लिया गया।’’
यह घटना पर्थ में शुरुआती टेस्ट में इसी तरह के विवाद के बाद हुई है जहां सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल के आउट होने पर बहस छिड़ गई थी।
यशस्वी जायसवाल का विकेट के समय स्नीको मीटर
यशस्वी जायसवाल का विकेट के समय स्नीको मीटरSource : Social Media

ऑस्ट्रेलिया की अपील के बाद मैदानी अंपायर रिचर्ड केटलबोरो ने राहुल के पक्ष में फैसला सुनाया था। घरेलू टीम ने फैसले को चुनौती देने के लिए डीआरएस का इस्तेमाल किया।
थर्ड अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ ने ‘स्प्लिट-स्क्रीन व्यू’ का लाभ नहीं मिलने के बावजूद मैदान अंपायर के फैसले को पलट दिया था। ‘स्प्लिट-स्क्रीन व्यू’ से उन्हें यह स्पष्ट तस्वीर मिल जाती कि क्या मिचेल स्टार्क की गेंद ने वास्तव में बल्ले को छुआ था या स्निको की आवाज गेंद के पैड के टकराने से आयी थी।

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