भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज़ का पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच शुरू होने से दो दिन पहले लंदन के ओवल मैदान पर एक बड़ा विवाद सामने आया। यह विवाद भारतीय टीम और मैदान के क्यूरेटर ली फोर्टिस के बीच हुआ।
मंगलवार को भारतीय टीम की प्रैक्टिस के दौरान बल्लेबाजी कोच गौतम गंभीर और ली फोर्टिस के बीच जमकर बहस हो गई। बताया गया कि गंभीर ने प्रैक्टिस पिच और बाकी सुविधाओं को लेकर आपत्ति जताई। बहस के दौरान गंभीर ने हाथ से इशारा करते हुए गुस्से में कुछ कहा। उस वक्त भारतीय बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने बीच में आकर स्थिति को शांत करने की कोशिश की और फोर्टिस को एक ओर ले जाकर बात की।
बुधवार को भी मामला ठंडा नहीं हुआ। एक वीडियो में देखा गया कि ली फोर्टिस फिर से गंभीर, शुभमन गिल और कोच कोटक के पास पहुंचे, जो पिच के पास खड़े थे। फोर्टिस ने उन्हें वहां से हटने का इशारा किया। गंभीर ने उनकी बात को नजरअंदाज किया और तीनों थोड़ी दूरी पर जाकर खड़े हो गए।
गुरुवार को यह मामला और गरमा गया जब गौतम गंभीर ने एक बार फिर फोर्टिस से नाराज़गी ज़ाहिर की और कहा, "आप हमें नहीं बताएंगे कि क्या करना है।" उस समय कोच कोटक और टीम के असिस्टेंट कोच रयान टेन डोशेट ने मिलकर फोर्टिस से बात की।
इस दौरान फोर्टिस ने पत्रकारों से बात करने से मना कर दिया और सिर्फ इतना कहा, "मुझे उससे खुश रहना है या नहीं, ये मेरा काम नहीं है। आपको उससे ही पूछना पड़ेगा।"
वहीं दूसरी ओर, सितांशु कोटक को भारतीय टीम मैनेजमेंट के अन्य लोगों के साथ एक इंग्लिश अधिकारी को स्थिति समझाते हुए देखा गया। इस दौरान ज्यादातर बातचीत कोटक ही कर रहे थे।
मैच से पहले की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुभमन गिल से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मुझे ठीक से नहीं पता कि कल क्या हुआ और क्यूरेटर ने ऐसा क्यों किया। हमने चार मैच खेले हैं और पहले कभी किसी ने रोका नहीं। सभी खिलाड़ी और कोच पिच देखने जाते हैं, यह आम बात है। जब तक कोई नंगे पांव हो या रबर के स्पाइक्स पहने हो, तो पिच देखना पूरी तरह सामान्य है।"
गिल की बातों से साफ है कि टीम के लिए पिच का मुआयना करना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इस बार क्यूरेटर की प्रतिक्रिया ने मामला बिगाड़ दिया। अब देखना यह होगा कि इस विवाद का असर मैच पर पड़ता है या नहीं।