बर्मिंघम टेस्ट में नहीं दिखेंगे Jasprit Bumrah

By Anjali Maikhuri

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भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच नहीं खेलेंगे। ये टेस्ट 2 जुलाई से बर्मिंघम में शुरू होगा। बुमराह को इस मुकाबले से बाहर रखने का फैसला उनकी फिटनेस और वर्कलोड मैनेजमेंट को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। पहले टेस्ट में उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए पांच विकेट झटके थे और टीम को मजबूती दी थी। लेकिन टीम मैनेजमेंट नहीं चाहता कि उन पर ज़्यादा दबाव पड़े, इसलिए उन्हें इस टेस्ट से आराम दिया गया है।पहले टेस्ट में जहां बुमराह छाए रहे, वहीं बाकी गेंदबाज़ ज़्यादा असर नहीं छोड़ सके। प्रसिद्ध कृष्णा और मोहम्मद सिराज महंगे साबित हुए और ज़्यादा विकेट नहीं निकाल पाए। बुमराह ने 43.4 ओवर में 5 विकेट लिए थे, लेकिन कृष्णा और सिराज दोनों मिलकर 9 विकेट ही निकाल सके और उन्होंने काफी रन भी लुटाए। इससे साफ है कि बुमराह की मौजूदगी टीम के लिए कितनी अहम है।

सीरीज़ से पहले ही तय कर लिया गया था कि बुमराह पांच में से सिर्फ तीन टेस्ट खेलेंगे। ऐसे में यह आराम उनकी योजना का ही हिस्सा है। तीसरा टेस्ट 10 जुलाई से लॉर्ड्स में शुरू होगा और उम्मीद है कि बुमराह वहां वापसी करेंगे।अब जब बुमराह नहीं खेलेंगे, तो सवाल उठता है कि उनकी जगह कौन लेगा? टीम में अर्शदीप सिंह और आकाशदीप जैसे तेज गेंदबाज़ मौजूद हैं। अर्शदीप ने अभी तक टेस्ट नहीं खेला है, लेकिन वनडे और टी20 में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है। वहीं नितीश कुमार रेड्डी जैसे ऑलराउंडर भी हैं जो गेंदबाज़ी के साथ-साथ बल्लेबाज़ी में भी योगदान दे सकते हैं। शार्दुल ठाकुर को बाहर कर रेड्डी को मौका दिया जा सकता है ताकि टीम की बैटिंग भी मज़बूत हो।

हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स बुमराह को आराम देने के फैसले से सहमत नहीं हैं। पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा कि अगर भारत 2-0 से पीछे हो गया तो वापसी करना मुश्किल हो जाएगा। वहीं, सुनील गावस्कर ने भी कहा कि बुमराह को पूरे पांच टेस्ट खेलने चाहिए थे। लेकिन कोच गौतम गंभीर ने साफ कर दिया कि टीम बुमराह के वर्कलोड को लेकर ज़्यादा सोच रही है, क्योंकि आने वाले समय में और भी बहुत सी सीरीज़ हैं और बुमराह की फिटनेस बेहद अहम है।

इस फैसले से यह साफ है कि टीम इंडिया सिर्फ अभी नहीं, बल्कि लंबे वक्त तक बुमराह को फिट और तैयार रखना चाहती है। उनका आराम करना भविष्य के लिए एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। अब देखना ये है कि बिना बुमराह के टीम कैसा प्रदर्शन करती है और कौन सा गेंदबाज़ उनकी कमी को पूरा करता है।

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