लीड्स में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारत और इंग्लैंड के बीच मुकाबला पूरी तरह से भारत के पक्ष में नजर आ रहा था। यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत की शानदार पारियों ने भारत को एक बड़े स्कोर की ओर बढ़ाया, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब टीम इंडिया की पारी अचानक ढह गई। आखिरी सात विकेट सिर्फ 41 रनों के अंदर गिर गए, जिससे भारत 471 रनों पर ऑल आउट हो गया।शुभमन गिल ने अपने टेस्ट करियर की सबसे बड़ी पारी खेलते हुए 147 रन बनाए, जबकि ऋषभ पंत ने 134 रन की जबरदस्त इनिंग खेली। गिल के आउट होते ही भारतीय पारी लड़खड़ा गई और कोई भी बल्लेबाज़ टिक नहीं पाया।
बारिश की वजह से इंग्लैंड की पारी की शुरुआत थोड़ी देर से हुई, लेकिन इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों ने खासकर ओली पोप और बेन डकेट ने भारत के खिलाफ मजबूत जवाब दिया। दोनों ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 122 रन जोड़े। डकेट ने 62 रन बनाए, जबकि ओली पोप ने नाबाद शतक लगाकर इंग्लैंड को मैच में बनाए रखा। उन्होंने 125 गेंदों में 13 चौकों की मदद से अपनी सेंचुरी पूरी की।हालांकि भारत के लिए दिन और बेहतर हो सकता था, अगर फील्डिंग ने साथ दिया होता। यशस्वी जायसवाल और रविंद्र जडेजा ने शुरुआत में डकेट के दो आसान कैच छोड़ दिए। इसके बाद जायसवाल ने तीसरी बार ओली पोप का भी कैच टपका दिया, जब वह सिर्फ 60 रन पर थे। ये सभी कैच जसप्रीत बुमराह की गेंदों पर छोड़े गए, जो पूरे दिन शानदार गेंदबाज़ी करते रहे।
कमेंट्री कर रहे पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने फील्डिंग पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा, “ऐसा लग नहीं रहा कि कोई मेडल मिलने वाला है। टी दिलीप मैच के बाद मेडल देते हैं, लेकिन इस बार कुछ नहीं मिलेगा। यशस्वी अच्छे फील्डर हैं, लेकिन इस बार उनका दिन नहीं था।”बुमराह ने जो रूट को एक बार फिर अपना शिकार बनाया। यह टेस्ट क्रिकेट में दसवीं बार था जब बुमराह ने रूट को आउट किया। रूट को पहली बार सिराज ने एलबीडब्ल्यू किया था लेकिन रिव्यू में वो बच गए। दूसरी बार बुमराह ने बाहर जाती गेंद पर रूट को फंसाया और करुण नायर ने स्लिप में कैच पकड़ा।
हैरान करने वाली बात यह रही कि हैरी ब्रुक को भी बुमराह ने आउट कर दिया था, लेकिन वो गेंद नो-बॉल निकली। यह बुमराह का तीसरी बार नो-बॉल करना था उसी ओवर में, जिससे ब्रुक को जीवनदान मिला।दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने 209/3 रन बना लिए थे और भारत से 262 रन पीछे था। ओली पोप 100 और हैरी ब्रुक 0 रन पर नाबाद थे। भारत के लिए बुमराह अकेले दम पर लड़ते रहे, लेकिन उन्हें और गेंदबाज़ों से सहयोग नहीं मिला। तीसरे दिन टीम इंडिया को फील्डिंग सुधारनी होगी, वरना मुकाबला हाथ से निकल सकता है।