
हेडिंग्ले टेस्ट में भारत के नए उपकप्तान ऋषभ पंत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच की दोनों पारियों में शतक लगाकर इतिहास रच दिया। दूसरी पारी में पंत ने 130 गेंदों में अपना शतक पूरा किया और भारत को 270 से ज्यादा की मजबूत लीड दिला दी। पहली पारी में भी पंत ने 134 रन बनाए थे, जिससे यह उनका मैच में लगातार दूसरा शतक बना।
टेस्ट क्रिकेट में दुर्लभ उपलब्धि
इस पारी के साथ पंत भारत के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हो गए जिन्होंने टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाया है। वह ऐसा करने वाले सिर्फ 7वें भारतीय खिलाड़ी हैं। इस लिस्ट में उनके साथ विजय हजारे, सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं।
लेकिन खास बात ये है कि पंत यह कारनामा करने वाले भारत के पहले विकेटकीपर-बल्लेबाज़ बन गए हैं। साथ ही इंग्लैंड की धरती पर एक ही टेस्ट में दो शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ भी बने।
दुनिया में दूसरे विकेटकीपर बने
इतिहास में अब तक सिर्फ दो विकेटकीपर बल्लेबाज़ों ने इंग्लैंड में एक टेस्ट में दो शतक लगाए हैं – एक हैं ज़िम्बाब्वे के एंडी फ्लावर और दूसरे अब ऋषभ पंत। इससे पहले भी पंत शानदार फॉर्म में थे, जब उन्होंने आईपीएल में लखनऊ सुपरजायंट्स की तरफ से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ नाबाद 118 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी। यह उनका लगातार तीसरा शतक है – आईपीएल में एक और अब टेस्ट में दो।
भारत की स्थिति बेहद मज़बूत
ऋषभ पंत के अलावा केएल राहुल ने भी इस टेस्ट में शानदार बल्लेबाज़ी की, जिससे इंग्लैंड की टीम बैकफुट पर चली गई है। चौथे दिन इंग्लैंड के गेंदबाज़ सिर्फ एक विकेट निकाल पाए, और भारत के बल्लेबाज़ों ने पूरे दिन खेल पर पकड़ बनाए रखी।
मैच के इस मोड़ पर अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इंग्लैंड के गेंदबाज़ वापसी कर पाएंगे या भारतीय बल्लेबाज़ अपनी पारी को इतना बड़ा कर देंगे कि टीम डिक्लेयर करने का फैसला ले। अगर भारत जल्द विकेट नहीं गंवाता, तो वो एक मजबूत टोटल देकर इंग्लैंड पर दबाव बनाकर जीत की तरफ बढ़ सकता है।
पंत की लय में वापसी
चोट से उबरने के बाद ऋषभ पंत की ये वापसी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उन्होंने ना सिर्फ फिटनेस साबित की बल्कि बल्ले से शानदार प्रदर्शन कर ये भी दिखा दिया कि वो क्यों टीम इंडिया के लिए इतने अहम हैं। उनकी यह दोहरी सेंचुरी ना सिर्फ भारत को जीत के करीब लेकर गई है, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में उनका कद और बड़ा कर दिया है।
ऋषभ पंत की ये पारी आने वाले कई युवा खिलाड़ियों के लिए मिसाल है कि मुश्किल हालातों से लड़कर कैसे वापसी की जाती है और इतिहास रचा जाता है।