
भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन में चल रहे टेस्ट मैच के दौरान भारत के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने अपने खेल से ही नहीं बल्कि बयानों से भी सभी का ध्यान खींचा। जब रोहित शर्मा ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, तब नए कप्तान को लेकर कई कयास लगाए गए थे। उस वक्त जसप्रीत बुमराह और शुभमन गिल के साथ-साथ जडेजा का नाम भी सामने आया था। खुद अश्विन ने भी जडेजा को कप्तानी के लिए अच्छा विकल्प बताया था।
मगर अब गिल को कप्तान बना दिया गया है। इसी बीच जब एजबेस्टन टेस्ट के दूसरे दिन के खेल के बाद जडेजा से पूछा गया कि क्या वो कभी भारत की कप्तानी का सपना देखते थे, तो उन्होंने हंसते हुए कहा, “नहीं, अब तो वो समय निकल गया है।” उनके इस जवाब ने साफ कर दिया कि वो अब कप्तानी की रेस में खुद को नहीं मानते।
गिल-जडेजा की शानदार साझेदारी
हालांकि कप्तानी भले ना मिली हो, लेकिन जडेजा ने अपने बल्ले से टीम को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कप्तान शुभमन गिल के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए शानदार 203 रन जोड़े। जडेजा ने इस पारी में 89 रनों की बेहतरीन पारी खेली और टीम को मजबूती दी। वहीं गिल ने तो कमाल ही कर दिया। उन्होंने 269 रनों की लंबी पारी खेली और दिखा दिया कि क्यों उन्हें टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई है।
इसके अलावा वॉशिंगटन सुंदर ने भी गिल के साथ 144 रनों की साझेदारी की। इन सबकी मदद से भारत ने पहली पारी में 587 रन ठोक डाले।
इंग्लैंड की हालत पतली
भारत की शानदार बल्लेबाज़ी के बाद इंग्लैंड की टीम जब मैदान पर उतरी तो भारतीय गेंदबाजों ने भी कहर बरपाया। दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड के सिर्फ 77 रन पर ही 3 विकेट गिर चुके थे। यानी भारत को पहले से ही 510 रनों की बड़ी बढ़त मिल गई है।
तीसरे दिन की योजना
जब तीसरे दिन की रणनीति के बारे में जडेजा से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “हम ज्यादा आगे की नहीं सोच रहे। अगर लंच से पहले 2-3 विकेट निकाल लेते हैं तो मैच पूरी तरह हमारे कंट्रोल में आ जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है इसलिए किसी भी स्थिति को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
जडेजा ने टीम के जोश और एनर्जी की तारीफ करते हुए कहा कि सब अच्छा कर रहे हैं और उम्मीद है कि नतीजा भी भारत के पक्ष में ही आएगा।
तजुर्बे का फायदा
यह इंग्लैंड का जडेजा का तीसरा दौरा है। उन्होंने फिर साबित कर दिया कि वो भारत के सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर हैं। भले ही कप्तानी उनके हाथ से निकल गई हो, लेकिन उनके बल्ले और गेंद दोनों में वही दमखम बरकरार है। एजबेस्टन टेस्ट में उनका अनुभव और संयम भारत को जीत की ओर ले जाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
जडेजा की ये बेबाक बातें और मैदान पर शानदार प्रदर्शन यही दिखाते हैं कि कप्तानी हो या न हो, वो टीम इंडिया के लिए कितने अहम हैं।