
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के वितरण समारोह में भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर को नहीं बुलाए जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि जब यह ट्रॉफी एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर के नाम पर है, तो दोनों को इस समारोह का हिस्सा बनाना जरूरी था। ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में भारत को पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-1 से हराकर 10 साल बाद यह प्रतिष्ठित ट्रॉफी अपने नाम की। लेकिन समारोह के दौरान केवल एलन बॉर्डर को ट्रॉफी सौंपने के लिए बुलाया गया, जबकि सुनील गावस्कर जो मैदान पर मौजूद थे, उन्हें नज़रअंदाज कर दिया गया।
गावस्कर ने भी व्यक्त की थी नाराजगी
सुनील गावस्कर ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा, "मुझे अगर ट्रॉफी देने के लिए बुलाया जाता, तो मैं ऐसा करने के लिए तैयार था। यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी है और दोनों देशों की बात है। मेरा मतलब है कि मैं मैदान पर मौजूद था। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ऑस्ट्रेलिया जीता है। उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला, इसलिए जीत उनके हक में गई। लेकिन इस पल को साझा करना मेरे लिए खुशी की बात होती।"
"मौका गंवा दिया गया"
माइकल क्लार्क ने कहा, "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतता है। मेरे विचार से एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर दोनों को ट्रॉफी देने के लिए बुलाया जाना चाहिए था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों दिग्गज उस समय मैदान पर मौजूद थे और इस मौके को गंवा दिया गया।" क्लार्क ने इसे न केवल एक अजीब घटना बताया, बल्कि इसे गावस्कर जैसे महान खिलाड़ी के प्रति सम्मान की कमी भी करार दिया।
जसप्रीत बुमराह को बताया महान गेंदबाज
क्लार्क ने इस सीरीज में प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने बुमराह को सभी प्रारूपों में अब तक का सबसे महान तेज गेंदबाज करार दिया। क्लार्क ने कहा, "बुमराह का प्रदर्शन अद्भुत है। वह हर परिस्थिति और हर प्रारूप में शानदार हैं। उनके जैसी निरंतरता और कौशल वाला गेंदबाज दुर्लभ है। उन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 में अपने प्रदर्शन से खुद को साबित किया है।"