आखिर कैसे हुई क्रिकेट जगत में चोकर्स कहलाने की शुरुआत, कैसे सजा अफ्रीकी टीम के सर पर अनचाहा ताज ?

दक्षिण अफ्रीकी टीम को क्रिकेट जगत में लगभग 3 दशकों से चोकर माना जाता है। पिछले 2 साल में 3 वर्ल्ड कप फाइनल हारी यह टीम
आखिर कैसे हुई क्रिकेट जगत में चोकर्स कहलाने की शुरुआत, कैसे सजा अफ्रीकी टीम के सर पर अनचाहा ताज ?
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क्रिकेट के खेल में एक कहावत मानी जाती है अगर आपको विश्व कप जीतना है तो आप ऑस्ट्रेलिया को हरा दो... भारत...श्रीलंका...पाकिस्तान जैसी टीम यह कारनामा कर चुकी है और जब यह नहीं हुआ तो फिर विश्व कप को ऑस्ट्रेलिया ने जीता भी है। इस खेल का विश्व भर में क्या क्रेज है यह किसी से भी छुपा नहीं है। खासकर भारत में यहां के फैंस अपने क्रिकेटरों की पूजा करते हैं। सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों को अपने देश में बहुत ही ऊंचा दर्जा दिया जाता है। ठीक उसी तरह अन्य देशों में भी क्रिकेट का बहुत ज्यादा क्रेज देखा गया है। और आज यह वर्ल्ड क्रिकेट में फैलता ही जा रहा है।

क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट वर्ल्ड कप माना जाता है। आज तक मेंस और विमेंस में मिला जुलाकर ना जाने कितने वर्ल्ड कप खेले जा चुके हैं। इसे जीतने का सपना कोई भी क्रिकेटर अपने बालपन में ही देखता है और इसी के लिए वह हमेशा तैयारी भी करते हैं। बड़ी बड़ी टीमों ने यह टूर्नामेंट जीता है....वेस्टइंडीज, भारत, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, श्रीलंका,इंग्लैंड वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा कर चुकी है। लेकिन एक ऐसी टीम है जिसके पास इतिहास में सब कुछ रहा है उस टीम को हर बार टूर्नामेंट से पहले वर्ल्ड कप जीतने का सबसे बड़ा दावेदार माना जाता है लेकिन हर बार यह टीम ट्रॉफी जीतने से चूक जाती है। चाहे मेंस क्रिकेट हो या फिर विमेंस ... चाहे वनडे वर्ल्ड कप हो या फिर ट्वेंटी ट्वेंटी लेकिन दक्षिण अफ्रीका आज तक कभी भी वर्ल्ड कप जीत नहीं पाई है। इस टीम के चोकर्स बनने की कहानी भी बड़ी कमाल है

1992: सेमीफाइनल बनाम इंग्लैंड (मेंस)

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद दक्षिण अफ्रीका ने विश्व कप शानदार प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया था। सेमीफाइनल में भी उसकी स्थिति अच्छी नजर आ रही थी उसे 13 गेंदों पर 22 रन की जरूरत थी लेकिन बारिश आने के बाद नियमों के अनुसार उनके सामने एक गेंद पर 22 रन का लक्ष्य था। उसे हारकर बाहर होना पड़ा।

1999 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल बनाम ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 213 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका की टीम ने 198 पर नौ विकेट गंवा दिए। लांस क्लूजनर ने आक्रामक बल्लेबाजी कर स्कोर बराबर कर दिया। अब अंतिम विकेट था और एक रन शेष था। एलेन डोनाल्ड रनआउट हो गए। मैच टाई हो गया और नेट रनरेट कम होने से दक्षिण अफ्रीका की टीम ऑस्ट्रेलिया से पिछड़ गई।

2003 विश्व कप ग्रुप मैच बनाम श्रीलंका

2003 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका अपने घर में हुए विश्व कप में पहले ही दौर से बाहर हो गई जहां इस टीम को वेस्टइंडीज जैसी बड़ी टीम से शिकस्त मिली तो अपने आखिरी जीते हुए मैच में बारिश के चलते टाई से संतोष करना पड़ा और नतीजा अफ्रीकी टीम अपने ही होम ग्राउंड पर अपने ही दर्शकों के सामने वर्ल्ड कप से बाहर।

2007 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल बनाम ऑस्ट्रेलिया

2007 में अफ्रीका एक बार सेमीफाइनल तक पहुंची लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह टीम सिर्फ 149 रन पर ढेर हो गई जिसके पीछा ऑस्ट्रेलिया ने बहुत ही आसानी से कर लिया और आखिर में परिणाम फिर वही अफ्रीका टीम फाइनल से पहले ही बाहर

2011 वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल बनाम न्यूजीलैंड

2011 विश्व कप में यह टीम सबसे मजबूत नजर आ रही थी और इसने मेजबान भारत को भी पटकनी थी लेकिन क्वार्टर फाइनल में एक बार फिर न्यूजीलैंड ने इस टीम के अरमानों पर पानी फेर दिया। उस दिन अफ्रीकी टीम 222 रन का पीछा करने से भी 49 रन से चूक गई और वर्ल्ड कप से बाहर हो गई।

2015: विश्व कप सेमीफाइनल बनाम न्यूजीलैंड

दक्षिण अफ्रीका ने 43 ओवर में 298 रन बनाए। बारिश की बाधा से न्यूजीलैंड को 43 ओवर में 298 का लक्ष्य मिला। 41 ओवर तक न्यूजीलैंड ने छह विकेट गंवा दिए थे। एक छोर पर इलियट खड़े थे जिन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। अंतिम ओवर में न्यूजीलैंड को 12 रन चाहिए थे। पांचवीं गेंद पर छक्का जड़कर न्यूजीलैंड को जीत दिला दी। दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी हार के बाद मैदान पर ही आंसू निकल आए।

सबसे खराब रहा 2019 वर्ल्ड कप

2019 विश्व कप को शायद दक्षिण अफ्रीका के इतिहास का सबसे खराब दौर रहा होगा जब यह टीम 9 मुकाबलों में अपने 5 मुकाबले हार गई।

2023 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल बनाम ऑस्ट्रेलिया

2023 के विश्व कप में एक बार फिर यह टीम एक अलग अंदाज़ में खेलते हुए सेमीफाइनल तक पहुंची थी लेकिन सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के आगे इस टीम की हालत खराब हो गई और डेविड मिलर मिलर के अलावा टीम का कोई भी खिलाड़ी उस दिन चल ही नहीं पाया। और नतीजा एक बार फिर वही नॉकआउट

टी20 विश्व कप में भी लगातार हुए नॉकआउट

इस बीच अफ्रीका टीम का टी20 विश्व कप में भी कुछ ऐसा ही हाल रहा 2007 में पहला वर्ल्ड कप इन्हीं की धरती पर खेला गया लेकिन यह टीम सुपर 8 में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

2014 में एक बार यह टीम सेमीफाइनल तक पहुंची लेकिन भारत के आगे इस टीम का सपना चलना चूर हुआ। 2022 टी20 वर्ल्ड कप में तो इनका सेमीफाइनल में जाना एक दम तय था लेकिन चोकर्स की असली मिसाल तभी इस टीम ने दी और अपने आखिरी ग्रुप मैच में यह टीम नीदरलैंड से हार गई और वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। इन्होने मैच हार कर पाकिस्तान के लिए सेमीफाइनल के दरवाजे खोल दिए और पाकिस्तान तब फाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही थी।

विमेंस टीम का भी मेंस जैसा हाल, 1 साल में 3 फाइनल हारी अफ्रीकी टीम

2020 में हुए महिला टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के सामने दक्षिण अफ्रीका की टीम थी। इस मैच में अफ्रीकी टीम को ऑस्ट्रेलिया ने 42 रन से हराया और फिर नॉकआउट।

इस बीच 2023 में हुए महिला टी20 वर्ल्ड कप में यह टीम अपने घर में फाइनल तक पहुंची लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने फिर इस टीम का सपना तोड़ दिया। 157 रनों का पीछा करते हुए अफ्रीकी टीम सिर्फ 137 रन तक पहुँच पाई। 2024 में मेंस टी20 वर्ल्ड कप में फिर यह टीम भारत के सामने फाइनल तक आ गई और वो भी बिना एक भी मैच हारे....एक हारे हुए मैच में अफ्रीका ने गजब की वापसी करते हुए जीत लगभग पक्की कर ही ली थी और 30 गेंदों पर सिर्फ 30 रन की जरूरत थी क्रीज पर हेनरिक क्लासें और डेविड मिलर जैसे बिग हिटर मौजूद थे लेकिन यह टीम वह भी नहीं कर पाई... और 2 दिन पहले एक बार इस टीम को फाइनल में ही आकर महिला टी20 वर्ल्ड कप के खिताब से एक बार फिर हाथ धोना पड़ गया। किस्मत भी देखिये इस बार भी उन्हें पिछली बार के फाइनल की तरह 150 से ज्यादा का लक्ष्य मिला लेकिन एक बार फिर अफ्रीकी टीम लक्ष्य से कोसों दूर रह गई। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर अफ्रीका ने 2 बार का बदला तो ले लिया लेकिन ऑस्ट्रेलिया को हारने के बावजूद टीम को ट्रॉफी नसीब नहीं ही हो पाई। क्रिकेट में एक कहावत मानी जाती है कि अगर वर्ल्ड कप जीतना है तो आप ऑस्ट्रेलिया को हरा दो लेकिन शायद दक्षिण अफ्रीका की किस्मत में यह है ही नहीं।

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