भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज़ में शुभमन गिल ने ऐसी बैटिंग की कि इंग्लैंड के खेमे में खलबली मच गई। एडबस्टन टेस्ट में गिल ने बतौर कप्तान दूसरी बार कमान संभालते हुए दोहरा शतक और फिर शतक ठोक डाला। उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को जमकर परेशान किया। फ्लैट पिच पर गिल की इस रिकॉर्डतोड़ बल्लेबाज़ी से इंग्लैंड के पास उन्हें आउट करने के कोई खास तरीके ही नहीं बचे थे।
दिन-4 के खेल के बाद इंग्लैंड के असिस्टेंट कोच मार्कस ट्रेस्कोथिक ने भी हंसते हुए माना कि अब वो गिल को बैटिंग करते हुए देख-देखकर थक चुके हैं। BBC के टेस्ट मैच स्पेशल में उन्होंने कहा-
“सच बताऊं तो अब मैं उसे बैटिंग करते हुए देख-देखकर परेशान हो गया हूं। जितना मजा आता है बल्लेबाज़ों को रन बनाते देखने में, उतना ही वो (गिल) अब परेशान भी कर रहा है। उसने दोनों मैचों में कमाल का खेल दिखाया, लेकिन इस मैच में तो हद ही कर दी। पहले 250 के करीब फिर 150 से ऊपर, ये तो कुछ ख़ास ही है।”
गिल ने पहली पारी में 387 गेंदों में 269 रन बना डाले, जिससे भारत ने 587 रन का बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया। इसके बाद दूसरी पारी में भी वो नहीं रुके और 161 रन की शानदार पारी खेलकर भारत को 608 रन की विशाल लीड दिला दी।
ENG vs IND: शुभमन गिल ने जड़ा एक और शतक, चौथे दिन भारत ने इंग्लैंड पर कसी पकड़
ट्रेस्कोथिक ने गिल की जमकर तारीफ करते हुए कहा,
“इतने ज़्यादा रन… ऐसा बहुत कम लोग कर पाते हैं। उसके डेडिकेशन, कॉन्सन्ट्रेशन, फिटनेस और स्किल को सलाम करना पड़ेगा। इतने लंबे समय तक ऐसी बैटिंग करना आसान नहीं होता, शानदार खेल दिखाया।”
शुभमन गिल ने इस मैच में महान सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। अब वो एक टेस्ट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। साथ ही भारत के पास एडबस्टन में पहली बार टेस्ट जीतने का मौका भी है। अगर भारत दूसरा टेस्ट जीत लेता है, तो इतिहास रच देगा।
इंग्लैंड ड्रॉ खेलेगा?
जब चौथे दिन का खेल खत्म हुआ तो इंग्लैंड के तीन विकेट गिर चुके थे। नए गेंद से आकाश दीप ने बेन डकेट और जो रूट को पवेलियन भेजा, वहीं मोहम्मद सिराज ने ज़ैक क्रॉली को आउट किया। इंग्लैंड को जीत के लिए अब भी 536 रन चाहिए। ऐसे में इंग्लैंड के कोच ट्रेस्कोथिक ने भी इशारा कर दिया कि ड्रॉ भी कोई बुरी चीज़ नहीं होगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा,
“हालात जैसे जैसे बदलते हैं, वैसे सोच भी बदलती है। अगर ऐसा वक्त आता है जब ड्रॉ ही बेहतर लगने लगे, तो वो भी ठीक है। हम इतने बेवकूफ तो नहीं हैं कि सोचें कि हर हाल में जीतना या हारना ही है। हर मैच में तीन रिजल्ट मुमकिन होते हैं। लेकिन हमने पहले भी कई बार ऐसी चीजें की हैं जो आमतौर पर नहीं की जातीं।”
अब देखना होगा कि गिल की कप्तानी में भारत एडबस्टन में पहली बार टेस्ट जीतकर इतिहास रच पाता है या नहीं। वहीं इंग्लैंड की टीम ड्रॉ के लिए कितनी मज़बूती से डटेगी, इस पर भी सभी की नज़रें होंगी।