
पूर्व इंग्लैंड कप्तान माइकल वॉन ने टेस्ट क्रिकेट से विराट कोहली के संन्यास को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उनका मानना है कि भारत को कोहली की बल्लेबाज़ी की कमी उतनी नहीं खलेगी, जितनी उनकी मैदान पर मौजूदगी, आक्रामकता और जुनून की। वॉन का यह बयान उस वक्त आया है जब भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ शुरू होने वाली है।
कोहली ने मई में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था, और यह फैसला उन्होंने इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले लिया। भारत के लिए यह एक बड़ा झटका था, क्योंकि कोहली लंबे समय तक टेस्ट टीम की रीढ़ रहे हैं। लेकिन वॉन का मानना है कि कोहली का टेस्ट रिकॉर्ड इंग्लैंड में बहुत खास नहीं रहा है।
“33 की औसत वाला बल्लेबाज़ उतना मिस नहीं होता” – वॉन
माइकल वॉन ने कहा, “कोहली एक लीजेंड हैं। उन्होंने भारतीय टीम में जो कल्चर और एनर्जी लाई, वो काबिल-ए-तारीफ है। लेकिन अगर हम उनके इंग्लैंड में टेस्ट रिकॉर्ड की बात करें, तो उन्होंने यहां 33 की औसत से रन बनाए हैं। ऐसे खिलाड़ी की बल्लेबाज़ी की उतनी कमी नहीं खलती, लेकिन जो जोश और माहौल वो ड्रेसिंग रूम में लाते थे, उसकी ज़रूर कमी महसूस होगी।”
कोहली का इंग्लैंड में रिकॉर्ड
विराट कोहली ने इंग्लैंड में तीन बार टेस्ट सीरीज़ खेली है। उन्होंने कुल 17 टेस्ट मैचों में 1096 रन बनाए हैं, जिसमें उनकी औसत 33.21 की रही। 2014 के पहले दौरे में उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा था और वो सिर्फ 134 रन बना सके थे। लेकिन 2018 में उन्होंने ज़बरदस्त वापसी करते हुए सीरीज़ में शानदार रन बनाए। हालांकि, आखिरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में वो उम्मीद के मुताबिक नहीं चल पाए। पहले टेस्ट में शतक के बाद बाकी चार टेस्ट में वो फ्लॉप रहे और कुल 190 रन ही बना सके।
“नई पीढ़ी को मौका मिलने का समय”
माइकल वॉन को भरोसा है कि कोहली के रिटायरमेंट से भारतीय टीम को नए चेहरों को आज़माने का अच्छा मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, “जो खिलाड़ी अब टीम में आएंगे, वो बहुत टैलेंटेड हैं। हो सकता है वो काफी वक्त से इस मौके का इंतज़ार कर रहे हों। ऐसे में अगर वो इंग्लैंड में अच्छा खेलते हैं तो मुझे बिल्कुल भी हैरानी नहीं होगी।”
शुभमन गिल पर टिकी नज़रें
विराट के जाने के बाद अब कप्तानी की ज़िम्मेदारी युवा बल्लेबाज़ शुभमन गिल के कंधों पर है। गिल पहली बार भारत की टेस्ट टीम की कमान संभालेंगे। ऐसे में वॉन का मानना है कि गिल और बाकी युवा खिलाड़ियों के लिए यह सीरीज़ खुद को साबित करने का सबसे अच्छा मौका है।
कोहली के बिना भारत की बल्लेबाज़ी भले ही थोड़ी कमजोर दिखे, लेकिन टीम के पास प्रतिभाशाली खिलाड़ी मौजूद हैं। माइकल वॉन की टिप्पणी साफ इशारा करती है कि टीम इंडिया अब एक नए युग में कदम रख चुकी है, जहां नई पीढ़ी को खुद को साबित करना होगा।