
भारत और इंग्लैंड के बीच बहुप्रतीक्षित पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ 20 जून से शुरू हो रही है, जिसकी शुरुआत हेडिंग्ले, लीड्स से होगी। यह सीरीज़ दोनों टीमों के लिए बहुत अहम है क्योंकि इसके साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का नया चक्र शुरू होगा। टीम इंडिया के लिए चुनौती और भी बड़ी है क्योंकि उनके दो सबसे अनुभवी खिलाड़ी विराट कोहली और रोहित शर्मा इस सीरीज़ में नहीं खेलेंगे। कप्तानी की ज़िम्मेदारी पहली बार शुभमन गिल को दी गई है, जिनके पास टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी का कोई अनुभव नहीं है।
जो रूट ने ‘बाज़बॉल’ को लेकर अपनी राय रखी
इस सीरीज़ से पहले इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जो रूट ने ‘बाज़बॉल’ के बारे में खुलकर बात की। ये शब्द तब चर्चा में आया जब 2022 में ब्रेंडन मैक्कुलम इंग्लैंड के कोच बने और टीम ने आक्रामक अंदाज़ में खेलना शुरू किया। लेकिन रूट मानते हैं कि बाज़बॉल को केवल अटैकिंग बैटिंग के रूप में देखना सही नहीं है।
रूट ने एक इंटरव्यू में कहा, “ये मेरे करियर का सबसे मज़ेदार समय रहा है। जिस तरह की आज़ादी और माहौल टीम में है, वो शानदार है। बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैक्कुलम ने जो काम किया है, वो काबिल-ए-तारीफ है।”
उन्होंने आगे कहा, “बाज़बॉल जैसा इसे मीडिया में दिखाया जाता है, वो पूरी सच्चाई नहीं है। इसमें एक खास सोच और प्लानिंग होती है, ये सिर्फ आक्रामक बैटिंग नहीं है। इसे गलत समझा जा रहा है।”
रूट टीम इंडिया के लिए बन सकते हैं सिरदर्द
34 साल के जो रूट शानदार फॉर्म में हैं और भारत के खिलाफ बड़ी चुनौती बन सकते हैं। उन्होंने हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे में 166 रनों की शानदार पारी खेली थी। इतना ही नहीं, मई में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट में 34 रन बनाकर वो टेस्ट क्रिकेट में 13,000 रन पूरे करने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में भी शामिल हो गए।
रूट अब तक 153 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और इंग्लैंड की इस नई आक्रामक सोच के साथ भी खुद को ढाल चुके हैं। भारत के खिलाफ ये सीरीज़ उनके लिए एक और बड़ा मंच होगी खुद को साबित करने का।
इंग्लैंड टीम की पहली टेस्ट के लिए स्क्वाड:
बेन स्टोक्स (कप्तान), जो रूट, जैक क्रॉली, हैरी ब्रूक, ओली पोप, बेन डकेट, क्रिस वोक्स, जेमी स्मिथ, शॉएब बशीर, जैकब बेटेल, ब्राइडन कार्स, सैम कुक, जेमी ओवरटन, जोश टंग।
नज़रें इस बात पर रहेंगी कि क्या इंग्लैंड का ‘बाज़बॉल’ भारत के युवा नेतृत्व वाली टीम के सामने टिक पाएगा, और क्या जो रूट फिर एक बार अपने बल्ले से मैच का रुख बदल पाएंगे।