पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री का मानना है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा को अपनी फॉर्म में वापसी के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए। हाल ही में समाप्त हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, और इस हार के लिए दोनों सीनियर बल्लेबाजों की आलोचना हो रही है।
विराट-रोहित का खराब प्रदर्शन
रोहित शर्मा ने पूरी सीरीज में पांच पारियों में केवल 31 रन बनाए, जबकि विराट कोहली नौ पारियों में 190 रन ही बना सके। हालांकि, कोहली ने पर्थ टेस्ट में शतक लगाया, लेकिन उसके बाद वह लय में नहीं दिखे। भारतीय टीम को लगातार बड़ा स्कोर खड़ा करने में मुश्किल हुई, और इसका असर पूरी टीम पर दिखा।
रोहित अलग-अलग तरीकों से आउट होते रहे, और उनकी खराब फॉर्म का असर इतना पड़ा कि उन्होंने सिडनी टेस्ट से खुद को बाहर कर लिया। दूसरी ओर, विराट कोहली बार-बार चौड़ी गेंदों पर फंसते रहे और स्लिप में कैच आउट हुए। इस तरह एक ही तरीके से वह आठ बार अपना विकेट गंवा बैठे।
घरेलू क्रिकेट खेलने की सलाह
रवि शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू में कहा, “अगर उनके पास समय हो, तो घरेलू क्रिकेट खेलना उनके लिए फायदेमंद रहेगा। इससे उन्हें अपनी तकनीक सुधारने का मौका मिलेगा और युवा खिलाड़ियों को भी उनके अनुभव का लाभ मिलेगा।”
उन्होंने यह भी कहा, “भारत में स्पिनिंग ट्रैक पर खेलने की जरूरत है। हमारे घरेलू मैदानों पर टर्निंग पिचों पर बल्लेबाजी करना चुनौतीपूर्ण होता है। इससे उनकी स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ कमजोरी को दूर करने में मदद मिलेगी।”
युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा
शास्त्री ने युवा खिलाड़ियों की बात करते हुए कहा, “शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और नितीश रेड्डी जैसे खिलाड़ी इनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं। विराट और रोहित का घरेलू क्रिकेट खेलना न केवल उनके फॉर्म के लिए बल्कि युवा खिलाड़ियों की ग्रोथ के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।”
जुनून और इच्छाशक्ति पर निर्भर
शास्त्री ने कहा, “30 की उम्र के बाद क्रिकेट खेलना जुनून और इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। विराट और रोहित दोनों में यह जुनून है, लेकिन उन्हें अपनी कमजोरियों पर काम करना होगा। घरेलू क्रिकेट उनके लिए सही मंच साबित हो सकता है।”
घरेलू क्रिकेट खेलकर न केवल विराट और रोहित अपनी खोई हुई लय पा सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी प्रेरित कर सकते हैं।