मैनचेस्टर टेस्ट मैच के तीसरे दिन इंग्लैंड ने भारतीय टीम पर बड़ी बढ़त बना ली है। भारत की पहली पारी में बनाए गए 358 रनों के जवाब में इंग्लैंड ने सिर्फ 7 विकेट खोकर 544 रन ठोक डाले और 186 रनों की मजबूत बढ़त हासिल कर ली। इस दौरान एक बार फिर टीम इंडिया की गेंदबाज़ी सवालों के घेरे में आ गई, खासकर स्पिन डिपार्टमेंट को लेकर। पिच स्पिनरों की मददगार साबित हो रही है, इसके बावजूद भारत के स्टार कलाई के जादूगर कुलदीप यादव को टीम में जगह नहीं मिलना क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बन गया। अब इस पर टीम के बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्कल ने बड़ा बयान दिया है।
तीसरे दिन के खेल में इंग्लैंड के सात में से चार विकेट स्पिनरों ने चटकाए। रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने असरदार गेंदबाज़ी करते हुए अहम विकेट निकाले। पिच पर गेंद घूम रही थी, यानी कुलदीप जैसे रिस्ट स्पिनर के लिए आदर्श हालात मौजूद थे। बावजूद इसके कुलदीप को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया। इस फैसले की आलोचना के बीच मोर्ने मोर्कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में सामने आए और उन्होंने इसका कारण बताया। बॉलिंग कोच मोर्कल ने साफ किया कि कुलदीप को बाहर रखना टीम की रणनीतिक मजबूरी है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जब भी कुलदीप को टीम में शामिल किया जाए, तो हमें बल्लेबाजी के संतुलन को भी ध्यान में रखना होगा। हमें रन बनाने के लिए एक एक्स्ट्रा बल्लेबाज की जरूरत पड़ती है, और इसी कारण कुलदीप को बाहर बैठना पड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि कुलदीप बेहतरीन गेंदबाज हैं और हम उन्हें खिलाने का रास्ता तलाश रहे हैं, लेकिन अभी टीम कॉम्बिनेशन के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।
मोर्कल ने वाशिंगटन सुंदर और जडेजा जैसे ऑलराउंडर्स को खिलाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा, "इंग्लैंड के खिलाफ रन बनाना बहुत ज़रूरी होता है, ऐसे में बल्लेबाजी में गहराई रखने के लिए ऑलराउंडर्स को उतारना हमारी प्राथमिकता है। कुलदीप को तभी मौका मिलेगा जब टॉप ऑर्डर के छह बल्लेबाज़ लगातार रन बनाना शुरू कर दें।" हालांकि मोर्कल ने यह भी माना कि इस पिच पर कुलदीप यादव काफी प्रभावशाली हो सकते थे। उन्होंने कहा, "अगर कुलदीप इस मैच में होते तो हमें कुछ अतिरिक्त विकेट मिल सकते थे। विकेट थोड़ा सूखा है और स्पिन भी हो रही है। लेकिन फिलहाल टीम बैलेंस अहम है।" गौरतलब है कि कुलदीप यादव ने इंग्लैंड में अपना एकमात्र टेस्ट साल 2018 में खेला था। इसके बाद से उन्हें दोबारा इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला है, जबकि उन्होंने हाल के महीनों में अपने प्रदर्शन से टेस्ट टीम में वापसी का मजबूत दावा पेश किया है।